
कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर चौतरफा मार पड़ी है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ में एतिहासिक 23.9 फीसदी गिरावट दर्ज की गई. अभी भी अर्थव्यवस्था दबाव में है. सरकार भी मान रही है कि इकोनॉमी पर लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा है.
गिरती जीडीपी और तमाम आर्थिक चुनौतियों पर देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने अपनी राय दी है. एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से इकोनॉमी में अनिश्चितता अब भी बरकरार है, इस वजह से लोग गैर-जरूरी खर्च करने से बच रहे हैं.
चुनौती पर खुलकर बोले केवी सुब्रमण्यम
केवी सुब्रमण्यम की मानें तो अब रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं, और धीरे-धीरे जीडीपी ग्रोथ में इजाफा देखने को मिलेगा. कोरोना काल की अनिश्चितता में सटीक आंकड़े देना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि केवल भारत ही नहीं दुनिया की बड़ी-से बड़ी अर्थव्यवस्था को कोरोना ने चोट पहुंचाई है. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से ब्रिटेन की इकोनॉमी भी 23 फीसदी घटी है.
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. पिछले दिनों सरकार ने GDP के करीब 10 फीसदी हिस्सा राहत पैकेज के तौर पर दिया है. जिससे इकोनॉमी को ताकत मिल रही है. इसके अलावा सरकार मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस कर रही है.
कृषि सेक्टर से अच्छे संकेत
देश के मुख्य अर्थशास्त्री की मानें तो कृषि क्षेत्र में उठाए गए कदम की वजह से सकारात्मक आंकड़े सामने आ रहे हैं. किसान अब कहीं भी अपनी पैदावार बेच सकते हैं. किसानों के लिए APMC एक्ट में बदलाव किए गए हैं. उन्होंने बताया कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. फिलहाल भारत का सिर्फ 1 बैंक ग्लोबल लिस्ट में है. बैंकों को वैश्विक स्तर पर बेहतर करने की जरूरत है.
आखिर में उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना महामारी रहेगी, तब तक अनिश्चितता बनी रहेगी. हालांकि अगस्त में आया e-Way बिल कोरोना के पहले स्तर पर आ गया है. ये अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं. उन्होंने कहा कि 150 साल में पहली बार किसी महामारी का इतना बड़ा असर देखने के मिला है.