
कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में कोविड-19 से जुड़ी मेडिकल सप्लाई की मांग बढ़ी है. इसकी पूर्ति के लिए भारत की कई कंपनियों ने चीन में ऑर्डर दिए हैं. लेकिन इस सप्लाई के लगातार महंगे होने पर भारत की ओर से कीमतों पर लगाने का आग्रह किया गया था और अब इस पर चीन ने अपनी सफाई दी है.
‘आयात कर रहा कच्चा माल’
चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कंपनियों ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी कोविड-19 मेडिकल सप्लाई के ऑर्डर चीनी कंपनियों को दिए हैं. इनकी बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए उन्हें यूरोप से कच्चे माल का आयात करना पड़ रहा है. इसलिए इस तरह की कुछ वस्तुओं के दाम बढ़े हैं. उसकी ये प्रतिक्रिया हांगकांग में भारत की काउंसल जनरल प्रियंका चौहान के हालिया बयान पर आई है.
‘मांग पूरा करने को कर रहे प्रोत्साहित’
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत से बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए चीन घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित कर रहा है. जहां तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी मेडिकल सप्लाई के महंगे होने की बात है तो ये पूरी तरह बाजार के मांग और आपूर्ति नियम पर निर्भर करती है. कई बार भारतीय कंपनियां एक ही मांग को अलग-अलग माध्यम से भी रखती है. इससे बाजार में ऑर्डर की संख्या बढ़ जाती है और कीमतों पर इसका असर होता है.
कोरोना वायरस की नई लहर के समय भारत की ओर से अचानक बढ़ी मांग ने वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित किया है. इसके अलावा चीन की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि भारत की मांग को पूरा करने के लिए उन्हें यूरोप से कच्चे माल का आयात करना पड़ रहा है. कच्चे माल की इस कमी के चलते उत्पादन पर भी असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि वह भारत की वैश्विक प्लाई चेन को खुला और स्थिर रखने की मांग से सहमत हैं, वह उम्मीद करती हैं कि सभी के मिलकर काम करने से भारत की बढ़ी मांग को पूरा किया जा सकेगा.
भारत का कीमतों पर लगाम लगाने का आग्रह
हांगकांग में भारत की काउंसिल जनरल प्रियंका चौहान ने इसी हफ्ते एक बयान में चीन से भारत भेजी जाने वाली मेडिकल सप्लाई की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए कहा था. उन्होंने इस दौरान ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बढ़ती कीमतों का विशेष तौर पर जिक्र किया था. साथ ही चीन से भारत जाने वाली कारगो फ्लाइट्स में रुकावट का भी जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि इससे भारत में मेडिकल सप्लाई पहुंचने में देरी हो रही है. प्रियंका चौहान ने वैश्विक सप्लाई चेन को ओपन और स्थिर बनाए रखने की मांग के साथ ही भारत जाने वाली कारगो फ्लाइट्स ती संख्या बढ़ाने का भी आग्रह किया था.
गौरतलब है कि भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है. इस दौरान देश को ऑक्सीजन की भारी किल्लत का सामना करना पड़ा है. इसके लिए भारत ने दुनिया के कई देशों से मदद स्वीकार की है, वहीं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे मेडिकल उपकरणों के आयात की अनुमति भी दी है. कारगो फ्लाइट्स की संख्या में कमी का संकट चीन की सिचुआन एयरलाइंस के अपने 11 मालवाहक विमानों पर 15 दिन की रोक लगाने से और बढ़ा है. भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उसने 26 अप्रैल से 15 दिन के लिए अपनी कारगो उड़ानें बंद कर दी थीं.
‘फिर शुरू होगी सिचुआन एयरलाइंस की कारगो फ्लाइट्स’
इस बारे में चीन की इस सरकारी एयरलाइंस ने कहा कि वह उड़ानों को दोबारा चालू करने की समीक्षा कर रही है. सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने 17 मई से अपनी चॉन्गक्विंग और शियान से दिल्ली की कारगो उड़ान को 17 मई से शुरू करने की घोषणा की है. इससे पहले 9 मई को ही सिचुआन एयरलाइंस की एक कार्गो फ्लाइट बेंगलुरु और 12 मई को चेंगदू से चेन्नै तक आई थी.
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