
केंद्र सरकार ने तेल एवं गैस सेक्टर की सार्वजनिक कंपनियों (PSU) में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत दे दी है. इसका मतलब यह है कि अब भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) जैसी सार्वजनिक कंपनी काे किसी विदेशी कंपनी को भी बेचा जा सकता है. इससे बीपीसीएल के निजीकरण का रास्ता और आसान होता दिख रहा है.
सरकार ने गुरुवार को तेल एवं गैस पीएसयू में 100 फीसदी निवेश की इजाजत देते हुए कहा कि ऐसे पीएसयू में 100 फीसदी विनिवेश की इजाजत दी जाएगी, जिनमें रणनीतिक विनिवेश के लिए इनप्रिंसिपल अप्रूवल मिल गया हो. इस आदेश से देश की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) के निजीकरण का रास्ता आसान हो गया है. सरकार इस कंपनी में अपनी पूरी 52.58 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है.
क्या कहा सरकार ने
औद्योगिक एवं आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग (DPIIT) ने एक बयान में कहा है कि इस सेक्टर के लिए एफडीआई पॉलिसी पर एक नया क्लॉज जोड़ा गया है. इसमें कहा गया है, 'ऐसे मामलों में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत दी जाएगी जहां रणनीतिक विनिवेश के लिए सरकार से इन प्रिंसिपल अप्रूवल मिला हो.
दो विदेशी कंपनियों ने लगाई है बाेली
ऑटामेटिक रूप से इजाजत देने का मतलब है कि इसके लिए किसी खास तरह की छानबीन नहीं की जाएगी. गौरतलब है कि इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते ही मंजूरी दे दी थी. बीपीसीएल के लिए बोली लगाने वाली तीन में से दो कंपनियां विदेशी हैं. भारत से सिर्फ वेदांता ने बोली लगाई है.
31 मार्च 2021 को खत्म तिमाही में भारत पेट्रोलियम का मुनाफा 610 फीसदी की जबरदस्त बढ़त के साथ 19,041.67 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.