
Coal best performer: पिछले साल दिवाली से इस दिवाली तक अगर रिटर्न की बात करें तो कोयला सबसे ज्यादा फायदा देने वाला साबित हुआ है. यही नहीं, इसने गोल्ड, शेयर बाजार जैसे आकर्षक निवेश साधनों को काफी पीछे छोड़ दिया है. पिछले एक साल में कोयले का दाम 188 फीसदी बढ़ा है.
देश में ऑस्ट्रेलियन कोल (Australian coal) की कीमत पिछले 12 महीने में 188 फीसदी बढ़ी है, जबकि कच्चे तेल की कीमत में करीब 95 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह हाल तब है जब कोयले को सबसे कम पसंद किया जाने वाला कमोडिटी माना जाता है. दुनिया नेट जीरो इमिशन की बात कर रही है, ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि दुनिया में पिछले एक साल में कोयले की जबरदस्त मांग रही.
सेंसेक्स-गोल्ड में मिला इतना रिटर्न
केयर रेटिंग के एक विश्लेषण के अनुसार, पिछले एक साल में कोरोना संकट के बीच सेंसेक्स का प्रदर्शन शानदार रहा है, इसके बावजूद इसमें निवेशकों को महज 38 फीसदी का रिटर्न मिला है. दूसरी तरफ गोल्ड और सिल्वर में तो महज क्रमश: 4.7 फीसदी और 2.9 फीसदी का रिटर्न मिला है.
बिजली की मांग बढ़ने से फायदा
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोरोना केसेज कम होने के दौर में जब उद्योग-धंधे खुले तो अचानक बिजली की मांग काफी बढ़ गई और इसकी वजह से कोयले की मांग भी. हाल में तो देश में कोयले की भारी कमी होने की खबरें तक आने लगीं.
पिछले एक साल में कोयला और क्रूड के अलावा और किसी भी कमोडिटी की कीमत दोगुनी नहीं हो पाई. इस दौरान कॉपर के दाम में 45 फीसदी, सोया ऑयल में 27 फीसदी की बढ़त हुई. हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगले 12 महीनों में कोयले की कीमत में इस तरह से बढ़त नहीं होगी और इसमें महज 9.1 फीसदी के आसपास रिटर्न मिल सकता है.