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BEST सैलरी में सिक्कों से भर रही एम्प्लॉइज की झोली, लोकल ट्रेन से ले जाने में हो रहीं दिक्कतें!

मुम्बई में लगभग 10 लाख ग्राहकों तक बिजली पहुंचाने और 4,000 बसें चलाने वाली BEST हर महीने अपने कर्मचारियों की झोली से सिक्कों से भी भर रही है. जानें क्या है आखिर ये पूरा मामला

मुम्बई की पहचान हैं BEST की बसें (फाइल फोटो) मुम्बई की पहचान हैं BEST की बसें (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुम्बई,
  • 03 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST
  • ‘मिल रहा 15,000 रुपये तक का कैश और सिक्के’
  • ‘BEST से सिक्के लेने को नहीं तैयार कोई बैंक’
  • ‘कर्मचारियों की ईएमआई भी हो जाती है डिफॉल्ट’

मुम्बई में लगभग 10 लाख ग्राहकों तक बिजली पहुंचाने और 4,000 बसें चलाने वाली BEST हर महीने अपने कर्मचारियों की झोली से सिक्कों से भी भर रही है. जानें क्या है आखिर ये पूरा मामला

वृहनमुम्बई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) बैंकों से जुड़े एक मसले के चलते अपने 40,000 कर्मचारियों को सैलरी का अच्छा खासा हिस्सा छोटे नोटों और सिक्कों में देती है. पहले एम्प्लॉयीज की सैलरी में इसकी हिस्सेदारी बहुत कम होती थी, लेकिन अब इसका हिस्सा बढ़ता जा रहा है.

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15,000 रुपये तक का कैश और सिक्के
पीटीआई की खबर के मुताबिक BEST के एक कर्मचारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि उनकी सैलरी का एक छोटा हिस्सा हमेशा से सिक्कों के रूप में मिलता रहा है. पहले हर कर्मचारी को 1,000 रुपये मिलते थे जिसमें मुख्य तौर पर दो और पांच रुपये के सिक्के और 10 रुपये के नोट होते थे. वहीं सैलरी का कुछ हिस्सा 50, 100, और 500 रुपये के नोट के तौर पर नकद मिलता था. लेकिन पिछली बार उन्हें कैश और सिक्के के रूप में 11,000 रुपये मिले और उससे पिछले महीने 15,000 रुपये , बाकी सैलरी सीधे उनके खाते आती है.

क्या कहते हैं BEST के अधिकारी
इस बारे में BEST की कमेटी के सीनियर मेम्बर सुनील गणाचार्य का कहना है कि BEST के पास बहुत बड़ी संख्या में कैश और सिक्के पड़े हुए हैं. BEST को यह सिक्के और छोटे नोट बसों के किराये के रूप में मिलते हैं. शहरभर में उसके 100 से 150 कलेक्शन सेंटर पर ये पैसे पड़े हुए हैं और कोई बैंक उन्हें लेने को तैयार नहीं है.

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खतरे से खाली नहीं लोकल ट्रेन में कैश ले जाना
गणाचार्य ने बताया कि BEST के कई कर्मचारी अम्बरनाथ, बदलापुर, पनवेल और विरार जैसे दूर के उपनगरीय इलाकों से आते हैं. ऐसे में नकद सैलरी वो भी सिक्कों के तौर लोकल ट्रेन से आने-जाने में परेशानी की वजह बनती है. साथ ही खतरा भी बना रहता है.

ईएमआई चुकाने में दिक्कत
गणाचार्य ने कहा कि सैलरी का इतना बड़ा हिस्सा सिक्कों के तौर पर मिलने से कई कर्मचारियों को ईएमआई इत्यादि चुकाने में दिक्कत आती है और ईएमआई में डिफॉल्ट भी हो जाता है.

निजी बैंक से की है साझेदारी
BEST के प्रवक्ता मनोज वराडे ने कहा कि इस समस्या का हल निकालने के लिए BEST की कमेटी ने जनवरी में एक निजी बैंक के साथ साझेदारी की है जो कैश और सिक्के कलेक्ट करने काम करेगा. लेकिन अभी कुछ अड़चनों के चलते इसमें थोड़ा और समय लगेगा

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