
कोरोना संकट के दौरान जहां शेयर बाजार में लिस्टेड 500 दिग्गज कंपनियों के मालामाल होने की खबर आई है, वहीं इसके विपरीत बहुत-सी ऐसी छोटी कंपनियां हैं जिनकी हालत काफी खराब हुई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च से सितंबर 2021 की छमाही में 285 कंपनियों को दिवालिया प्रक्रिया का सामना करना पड़ा है.
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में दिवालिया कार्रवाई पर एक साल की लंबी रोक हटने के बाद छह महीने से सितंबर तक कर्ज देने वाले बैंकों आदि ने 285 कंपनियों को दिवालियापन न्यायाधिकरणों (bankruptcy tribunals) में घसीटा.
Mint की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले सितंबर तिमाही में 144 कंपनियों को कर्ज डिफॉल्ट के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) बेंच में ले जाया गया. इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्शी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिवालिएपन की कार्यवाही के लिए अब तक स्वीकार की गई कंपनियों की कुल संख्या 4,708 हो गई है.
इस तरह अब तक देश में कुल 4,708 कंपनियों को बैंकरप्शी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. गौरतलब है कि गुरुवार को ही आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की टॉप 500 निजी कंपनियों के वैल्युएशन में इस साल काेरोना संकट के बावजूद 69 फीसदी की शानदार बढ़त हुई है. यह काॅरपोरेट सेक्टर की विडंबना को दिखाता है.
Burgundy प्राइवेट हारुन इंडिया लिस्ट (2021 Burgundy Private Hurun India 500) के मुताबिक देश की टॉप 500 कंपनियों का कुल नेटवर्थ बढ़कर 228 लाख करोड़ रुपये (3 ट्रिलियन डॉलर) तक पहुंच गया है जो कि देश के जीडीपी से भी ज्यादा है. इस साल 200 ऐसी कंपनियां हैं जिनका वैल्युएशन डबल हो चुका है. यह आंकड़े 30 अक्टूबर 2021 तक के हैं.