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Crude oil price: 2 हफ्ते में ठंडा पड़ जाएगा तेल का उबाल, क्या पेट्रोल-डीजल नहीं होगा महंगा?

रूस और यूक्रेन की लड़ाई ने क्रूड ऑयल को न सिर्फ 100 डॉलर प्रति बैरल के पार कर दिया, बल्कि इसे 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंचा दिया. इस कारण लोगों को डीजल-पेट्रोल के दाम में बड़ी तेजी का डर सता रहा है.

नरम पड़ जाएगा क्रूड ऑयल (Photo: Reuters) नरम पड़ जाएगा क्रूड ऑयल (Photo: Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST
  • लोगों को सता रहा महंगे डीजल-पेट्रोल का डर
  • 14 साल के हाई लेवल पर है कच्चा तेल

यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बाद शेयर बाजारों (Share Market) में गिरावट और कच्चे तेल (Crude Oil) में तेजी का दौर चल रहा है. इस हमले के जवाब में अमेरिका (US) और पश्चिमी देश (Western Countries) रूस के खिलाफ कई कड़े प्रतिबंध लगा चुके हैं. यहां तक अमेरिका ने अब रूस के तेल व गैस (Russian Oil&Gas) के इम्पोर्ट पर भी बैन लगा दिया है. तेजी से बदलते वैश्विक घटनाक्रमों के बीच क्रूड ऑयल 14 साल के हाई पर है और इस कारण देश में लोगों को फिर से महंगे पेट्रोल-डीजल का डर सता रहा है. हालांकि एक बड़ी सरकारी तेल कंपनी के अधिकारी की बात पर यकीन करें तो लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है. उनके हिसाब से स्थिति में कुछ ही दिनों में सुधार होने वाला है.

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फिर से इतना सस्ता हो सकता है क्रूड ऑयल

बीपीसीएल (BPCL) के चेयरमैन एवं एमडी अरुण कुमार सिंह के हवाले से ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कच्चा तेल अगले 2 सप्ताह में रिकॉर्ड लेवल से उतर जाने वाला है. उन्होंने कहा कि क्रूड ऑयल दो सप्ताह में 100 डॉलर के नीचे आ सकता है. इस कारण लोगों को क्रूड ऑयल की रिकॉर्ड कीमतों से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि क्रूड ऑयल के मौजूदा स्तर को दुनिया बहुत दिनों तक बर्दाश्त नहीं कर सकती है. अगर दाम ऐसे ही रहे तो क्रूड की डिमांड में 2-3 फीसदी की गिरावट आ सकती है. जैसे ही रूस और यूक्रेन की लड़ाई का कोई हल निकलेगा, कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास आ जाएगा.

रिफाइनरीज के पास मई तक के लिए भंडार

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बीपीसीएल चेयरमैन ने ये भी बताया कि सरकारी कंपनी को अगले महीने रूस से दो कार्गो की डिलीवरी मिलने वाली है. भारतीय रिफाइनिंग कंपनियां स्पॉट मार्केट से 30-40 फीसदी खरीदारी करती हैं. बीपीसीएल ने रूस से जिस क्रूड की खरीद की है, उसे भी स्पॉट मार्केट में खरीदा गया है. इसके अलावा लॉन्ग टर्म डील से भी क्रूड खरीदे जाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी कंपनियों के पास अमूमन एक महीने का भंडार रहता ही है. इस तरह अभी रिफाइनिंग कंपनियों के पास मई तक के लिए पर्याप्त क्रूड पड़ा हुआ है.

चुनाव निपटने के बाद दाम बढ़ने की आशंका

दरअसल देश में अभी नवंबर से डीजल और पेट्रोल की कीमतें नहीं बढ़ी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि 5 राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के कारण चार महीने से ज्यादा समय से इनकी कीमतें नहीं बढ़ाई गई हैं. चूंकि अभी पांचों राज्यों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं और ग्लोबल मार्केट में नवंबर की तुलना में क्रूड 60 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है, किसी भी समय डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं. कई एनालिस्ट बता रहे हैं कि अगर क्रूड की चाल के हिसाब से दाम बढ़ाए गए तो जल्दी ही डीजल और पेट्रोल 30 रुपये प्रति लीटर तक महंगे हो सकते हैं.

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