
इंडियन प्रीमियर लीग का 18वां सीजन शुरू होने वाला है. 22 मार्च से IPL का आगाज होगा. इस बार टूर्नामेंट में कुल 10 टीम भाग लेंगी. पहला मैच कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (KKR vs RCB) के बीच खेला जाएगा.
IPL बिजनेस के नजरिये से भी एक बड़ा प्लेटफॉर्म है. विज्ञापन से करोड़ों की कमाई की जाती है. बड़ी-बड़ी कंपनियों के विज्ञापन IPL मैचों के दौरान देखने को मिलते हैं. दरअसल, IPL की खुमारी युवाओं में जमकर देखी जाती है. हर मैच को लेकर एक अलग तरह रोमांच होता है.
तंबाकू के विज्ञापन पर बैन की मांग
दरअसल, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के शुरू होने से पहले चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने मोर्चा खोला दिया है. CTI ने मैच के दौरान 'सरोगेट' विज्ञापनों सहित सभी प्रकार तंबाकू और शराब के प्रचार पर प्रतिबंध की मांग की है.
दिल्ली में व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने IPL के चेयरमैन अरुण सिंह धूमल (Arun Singh Dhumal) को पत्र लिखा है. CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि IPL का क्रेज सभी में है, और करोड़ों लोग खासतौर पर युवा खूब देखते हैं. आंकड़ों के मुताबिक IPL देखने वालों में 70% संख्या युवा वर्ग की होती है.
यही नहीं, क्रिकेट मैच देखने के शौकीन छोटे बच्चे, महिलाएं और माता-पिता भी हैं. ऐसे में इस दौरान तंबाकू, शराब, सिगरेट, पान मसाला और अश्लीलता के विज्ञापन आते हैं, जो अनुचित है. युवा पीढ़ी पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है. इस पर रोक लगनी चाहिए.
शराब का विज्ञापन समाज के लिए सही नहीं
सीटीआई ने स्वास्थ्य मंत्रालय से भी अनुरोध किया है कि टूर्नामेंट के दौरान 'सरोगेट' विज्ञापनों समेत सभी प्रकार के तंबाकू और शराब के प्रचार पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए जाने चाहिए.
संगठन का कहना है कि क्रिकेट खिलाड़ी भारत के युवाओं के लिए आदर्श हैं, उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी प्रकार के तंबाकू या शराब के विज्ञापन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. इसलिए IPL को सरोगेट विज्ञापनों सहित तंबाकू और शराब से जुड़े सभी प्रकार के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने वाले नियमों को सख्ती से लागू होना चाहिए. स्टेडियम के अंदर और राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारण के दौरान भी इस तरह के विज्ञापन नहीं दिखाए जाने चाहिए.