
कारोबार जगत के लिए रविवार को एक बुरी खबर आई. जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का एक सड़क हादसे में निधन हो गया. 4 जुलाई 1968 को मुंबई में जन्मे साइरस 54 साल के थे. वे टाटा संस (Tata Sons) के सबसे युवा चेयरमैन बने थे और 4 साल तक कंपनी की कमान संभाली. हालांकि, बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया और उसके बाद शुरू हुआ टाटा समूह के साथ साइरस मिस्त्री का विवाद, जो सुर्खियां बना था. साइरस मिस्त्री टाटा से अलग होने के बाद फिर से अपने पारिवारिक कारोबार (Family Business) से जुड़ गए थे.
दुनिया भर में पालोनजी ग्रुप का कारोबार
साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के परिवारिक ग्रुप शापूरजी पालोनजी (Shapoorji Pallonji Group) की स्थापना 1865 में हुई थी. इस ग्रुप का कारोबार दुनियाभर में फैला हुआ है और करीब 25,000 कर्मचारियों वाला यह समूह भारतीय कारोबारी जगत में अपनी एक अलग पहचान रखता है. शापूरजी पालोनजी ग्रुप का कारोबार इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, वाटर एनर्जी एंड फाइनेंशिनेंयल सर्विसेज में फैला हुआ है. ग्रुप में 18 बड़ी कंपनियां हैं, जिनका कारोबार करीब 50 देशों में है.
देश की पुरानी और विश्वसनीय निर्माण कंपनियों में शापूरजी पालोनजी का नाम शुमार है. शापूरजी पालोनजी ने अपनी शुरुआत लिटिलवुड पालोनजी से की थी, जिसकी स्थापना उनके पिता शापूरजी मिस्त्री ने की थी. पिछले 100 सालों से मुंबई की पानी की जरूरत पूरी कर रही मालाबार हिल रिजर्वायर का निर्माण इसी कंपनी ने किया था. इसके अलावा ताज इंटर कॉन्टिनेंटल होटल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भवन, एचएसबीसी भवन, ब्रेबोर्न स्टेडियम मुंबई और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली का निर्माण भी इसी ग्रुप ने किया है.
साल 1930 से टाटा समूह के साथ संबंध
टाटा ग्रुप (Tata Group) और मिस्त्री परिवार का संबंध हाल-फिलहाल का नहीं है, बल्कि यह जुड़ाव साल 1930 में उस वक्त शुरू हुआ था, जब शापूरजी पालोनजी मिस्त्री ने टाटा संस में एफई दिनशॉ एस्टेट से 12.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी. इसके बाद मिस्त्री परिवार ने टाटा समूह में अपनी हिस्सेदारी का विस्तार किया.
रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्त्री परिवार ने टाटा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए 90 के दशक में टाटा संस के राइट्स इश्यू में 60 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था. फिलहाल, ये कारोबारी परिवार टाटा संस में 18.4 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है.
टाटा से अलग होकर ये कर रहे थे मिस्त्री
साइरस मिस्त्री ने टाटा संस से विवाद (Cyrus Mistry Vs Tata Sons) के चलते उसे छोड़ने के बाद अपने फैमिली बिजनेस में वापसी की थी. इस समूह में शापूरजी पालोनजी इंजीनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, फोर्ब्स टेक्सटाइल्स, गोकक टेक्सटाइल्स, यूरेका फोर्ब्स, फोर्ब्स एंड कंपनी, एसपी कंस्ट्रक्शन मटीरियल ग्रुप, एसपी रियल एस्टेट और नेक्स्ट जेन जैसी कई कंपनियां शामिल हैं.
इस दौरान पारिवारिक बिजनेस संभालने के साथ-साथ साइरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप के साथ अपनी कानूनी लड़ाई को जारी रखा. यहां बता दें साइरस ने 1991 में शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी के बोर्ड में एंट्री ली थी.
साइरस ने कंपनी को नया मुकाम दिलाया
साइरस मिस्त्री के ग्रुप में आने के बाद 1994 में उन्हें प्रमुख समूह कंपनी का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया. इसके बाद इस समूह ने बड़ी तरक्की की और इसका कंस्ट्रक्शन कारोबार करोड़ों डॉलर की जगह बढ़कर अरबों डॉलर में पहुंच गया. करीब दो महीने पहले जून 2022 में साइरस मिस्त्री पालोनजी मिस्त्री का निधन हो गया था.
मौत के समय पालोनजी मिस्त्री करीब 29 अरब डॉलर के मालिक थे, इस हिसाब से वे भारत के सबसे अमीर इंसानों की सूची में शामिल थे. इस समूह ने पूरे एशिया में लग्जरी होटल, स्टेडियम और कारखाने तैयार किए हैं.