
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज कारोबारी साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry Death) का रविवार को एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया. 54 वर्षीय साइरस मिस्त्री भारतीय मूल के सबसे सफल और ताकतवर कारोबारियों में से एक पलोनजी शापूरजी मिस्त्री के बेटे थे. शापूरजी पलोनजी का ग्रुप (Shapoorji Pallonji & Co) का बिजनेस कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट, पावर, टेक्सटाइल्स, इंजीनियरिंग गुड्स, शिपिंग और पब्लिकेशन जैसे कई सेक्टर्स में फैला हुआ है. लेकिन ग्रुप का सबसे चमकिला और ऐतिहासिक कारोबार कंस्ट्रक्शन का है. शापूरजी पलोनजी ग्रुप ने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई हैं. ग्रुप का कंस्ट्रक्शन साम्राज्य ऐसा है, जो भारत, पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक फैला हुआ है.
कई नामचीन इमारतों का निर्माण
शापूरजी पालोनजी ग्रुप की स्थापना 1865 में हुई थी. इस ग्रुप ने भारत में कई नामचीन इमारतें बनाई हैं. मुंबई के ताजमहल पैलेस होटल और द ओबेरॉय होटल का निर्माण भी शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने ही किया है. इस ग्रुप ने मुंबई की कई ऐतिहासिक इमारतें बनाई हैं.
इनमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की पुरानी और नई दोनों बिल्डिंग, लिलावती अस्पताल, बैंक ऑफ इंडिया और बॉम्बे सेंट्रल रेलवे स्टेशन की इमारतें शामिल हैं, इसके अलावा मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का कंस्ट्रक्शन भी इस ग्रुप ने किया है. इसके अलावा पश्चिम एशिया में ओमान के सुल्तान का महल और अफ्रीका में घाना में राष्ट्रपति का महल का निर्माण भी इसी ग्रुप ने करवाया है.
ऊंचे रिहायसी टॉवर और लंबे रेल पुल
साल 1991 में अपने परिवार को कारोबार में शामिल होने वाले साइरस मिस्त्री को 1994 में कंपनी का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया. साइरस मिस्त्री के नेतृत्व में भी उनकी कंपनी ने भारत में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, इनमें सबसे ऊंचे रिहायसी टॉवर का निर्माण, सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण और सबसे बड़े बंदरगाह का निर्माण शामिल है. अगर साइरस मिस्त्री के नेतृत्व में शापूरजी पालोनजी ग्रुप द्वारा बनाए प्रोजेक्ट को देखें, तो लिस्ट में रिफाइनरी प्लांट से लेकर आईटी पार्क तक शामिल हैं.
साइरस मिस्त्री के कार्यकाल में ग्रुप ने इन प्रमुख प्रोजेक्ट्स को पूरा किया था
पारंपरिक निर्माण से अलग हटकर किया काम
साइरस मिस्त्री के नेतृत्व में ग्रुप के कंस्ट्रक्शन के बिजनेस को पंख लगे और विस्तार हुआ. बिजली संयंत्रों और कारखानों सहित बड़ी इंजीनियरिंग परियोजनाओं के लिए पारंपरिक निर्माण से परे जाकर साइरस मिस्त्री ने इस कारोबार का विस्तार किया. पश्चिम एशिया और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में और अधिक परियोजनाओं की शुरुआत की.
टाटा के चेयरमैन
लगभग दो दशकों तक शापूरजी पलोनजी समूह का नेतृत्व करने के बाद मिस्त्री ने 2012 में टाटा संस की कमान संभाली. कारोबार परिवार से ताल्लुक रखने वाले साइरस मिस्त्री के जीवन की सबसे अहम घटना Tata Sons का चेयरमैन बनना ही रही. करीब 4 साल तक देश के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक टाटा ग्रुप के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्हें इस पद से अचानक से हटा दिया गया.
Tata Group के 100 साल से अधिक के इतिहास में वो दूसरे ऐसे शख्स थे, जिनका सरनेम 'टाटा' नहीं था और फिर भी वो इस ग्रुप के चेयरमैन बने थे. एक मृदुभाषी, विनम्र बिजनेस टाइकून ने हल्की मुस्कान के साथ अपने पीछे कुछ प्रतिष्ठित संरचनाओं को छोड़ा है, जो आज भी ऐतिहासिक हैं.