
दिल्ली उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच ने हाईकोर्ट के ही एकल न्यायाधीश के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) और रिलायंस रिटेल के बीच हुई डील को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया था.
बेंच ने कहा कि फ्यूचर-रिलायंस सौदे पर कानून के अनुसार कार्रवाई को आगे बढ़ाने से नहीं रोका जाना चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट के नोट के मुताबिक अमेजन की जब इस डील में दिलचस्पी नहीं है तो इस डील पर 'यथास्थिति' बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है. कोर्ट ने अगली सुनवाई तक डील पर से रोक हटा दी है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे की यथास्थिति बनाए रखने के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ एफआरएल की अपील पर अमेजन का रुख जानना चाहा.
किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एकल न्यायाधीश के उस आदेश के खिलाफ अपील की, जिसमें कंपनी को रिलायंस रिटेल के साथ अपने 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा गया था. इस सौदे को लेकर अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन ने आपत्ति जताई है.
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को न्यायमूर्ति जेआर मिधा ने कहा था कि अमेजन के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल अंतरिम आदेश पारित करने की जरूरत है. फैसला आने तक फ्यूचर रिटेल को यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया था.
अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट में सिंगापुर की अदालत के फैसले को लागू कराने की अपील की थी. सिंगापुर की अदालत ने फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया था.
रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24,713 करोड़ रुपय का सौदा हुआ था. इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा. लेकिन अमेजन को इस सौदे को लेकर आपत्ति है. इसलिए अमेजन ने सिंगापुर की कोर्ट में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप को लेकर याचिका दाखिल की थी.
अमेजन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप को मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप के साथ सौदा करने पर रोक लगाई जाए. अमेजन के रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के सौदे के विरोध का कारण है कि अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का पेमेंट भी किया था. इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा. अमेजन के मुताबिक, इस डील में एक शर्त यह भी थी कि फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेचेगा.