
Delhi NCR Rain: अभी चंद दिनों पहले की ही बात है, जब कर्नाटक की राजधानी व आईटी इंडस्ट्री के हब बेंगलुरु (Bengaluru) की भद्द पिट रही थी. लगातार हो रही बारिश ने भारत के 'सिलिकॉन वैली' के रूप में पहचाने जाने वाले इस शहर का हाल बुरा कर दिया था. कई रोज की बारिश (Bengaluru Rain) ने शहर के कई हिस्सों को तालाब बना दिया था. सड़कों पर गाड़ियों की जगह नाव चलाने के हालात उत्पन्न हो गए थे. लोगों को उनके घरों से ट्रैक्टरों से रेस्क्यू किया जा रहा था और आईटी प्रोफेशनल्स ट्रैक्टर्स से ही ऑफिस जाने पर मजबूर थे. तब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी और लोग नोएडा (Noida) व गुरुग्राम (Gurugram) को आईटी कंपनियों के लिए बेहतर विकल्प बताने लगे. अब मौसम ने ही पूरी बहस का हिसाब-किताब साफ कर दिया है. महज 24 घंटे की बारिश ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) खासकर गुरुग्राम की हालत पतली कर दी है.
कई नामी कंपनियों के ऑफिस
एनसीआर के ये दोनों शहर नोएडा और गुरुग्राम भी कई बड़ी कंपनियों के हब हैं. दोनों शहरों में शानदार आईटी पार्क हैं, जहां दिग्गज कंपनियों के दफ्तर हैं. इनके अलावा ऑटोमोबाइल से लेकर मीडिया और फाइनेंस सेक्टर तक की नामी कंपनियों का ठिकाना भी इन दो शहरों में है. हालांकि 24 घंटे की बारिश ने इन दोनों शहरों की बुनियादी संरचना की कलई खोल दी है.
हालात ऐसे उत्पन्न हो गए हैं कि प्रशासन की ओर से कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम लागू करने की हिदायत दी जा रही है. लोग घंटों तक जाम में फंस रहे हैं. बच्चों के स्कूल बंद करने पड़ गए हैं. आइए जानते हैं कि दिल्ली एनसीआर के ये दोनों शहर आईटी कंपनियों का हब बनने के कितने लायक हैं...
नोएडा, गुरुग्राम के ये प्लस प्वाइंट
सबसे पहले आपको बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में जब बेंगलुरु बारिश में डूब रहा था तब इंटरनेट पर शहर को सिलिकॉन वैली कहे जाने पर सवाल उठाने लग गए थे. इसके साथ ही सोशल मीडिया यूजर्स नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों को आईटी इंडस्ट्री के लिए बेंगलुरु से बेहतर विकल्प बता रहे थे.
इस बात में कोई शक नहीं है कि कुछ पैमानों पर नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहर बेंगलुरु की तुलना में बेहतर तरीके से फ्यूचर रेडी हैं. जैसे गुरुग्राम की बात करें तो यहां से दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट महज 20 मिनट की दूरी पर है. नोएडा के पास जेवर में नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है. वहीं बेंगलुरु में एयरपोर्ट शहर से काफी दूर है. मेट्रो कनेक्टिविटी के मामले में भी ये दोनों शहर बेंगलुरु से बेहतर साबित होते हैं. इनके अलावा नोएडा और गुरुग्राम बेंगलुरु की तुलना में कम खर्च वाले शहर हैं.
24 घंटे की बारिश में बेहाल
हालांकि इन खूबियों के साथ ही इन शहरों की कुछ खामियां भी हैं. अभी मानसून के रीट्रीट के कारण गुरुवार से हो रही बारिश ने ही इनमें से कई खामियों को उजागर कर दिया है. भारी बारिश के चलते गुरुग्राम के कई हिस्सों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है और सड़कों ने नदियों का रूप ले लिया है. इसके चलते ट्रैफिक ठहर गया है. गुरुवार को तो लोग गुरुग्राम में पांच-पांच घंटे तक ट्रैफिक में फंसे रह गए थे. बिगड़े हालात को देखते हुए गुरुग्राम के डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने शुक्रवार को एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी में सभी कॉरपोरेट ऑफिसेज और प्राइवेट संस्थानों को वर्क फ्रॉम होम पर अमल करने की हिदायत दी गई. इसके अलावा अथॉरिटी ने सभी प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों को कहा कि वे 23 सितंबर को अपने स्कूल व कॉलेज बंद रखें.
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस की हिदायत
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने भी अलग से लोगों के लिए हिदायत जारी की. ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से कहा कि बेहद जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें. ट्रैफिक पुलिस की मानें तो गुरुग्राम के कई हिस्सों में भारी जल-जमाव हुआ है और ट्रैफिक की हालत खराब है.
नोएडा में बंद हुए स्कूल
इसी तरह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बारिश के चलते 8वीं तक के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया. नोएडा के डिस्ट्रिक्ट स्कूल इंस्पेक्टर धर्मवीर सिंह ने आदेश में कहा, '23 सितंबर को जिले में क्लास 01 से क्लास 08 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे.
मुंबई, बेंगलुरु से इतनी कम बारिश
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम समेत दिल्ली-एनसीआर की यह हालत तब है, जब मुंबई या बेंगलुरु की तुलना में काफी कम बारिश हुई है. बेंगलुरु में करीब 04 दिनों तक लगातार बारिश होती रही थी. दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश का आज दूसरा ही दिन है. हालांकि ट्रैफिक से लेकर जल-जमाव के मामले में हालत पहले ही दिन खराब होने लग गई थी. पालम ऑब्जर्वेटरी की मानें तो दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को सुबह के 8:30 बजे से रात के 8:30 बजे तक 81 एमएम बारिश हुई थी. वहीं बेंगलुरु में संकट के पहले दिन यानी 05 सितंबर को 131.6 एमएम बारिश हुई थी. मुंबई की बात करें तो सितंबर महीने का औसत रेनफॉल 366 एमएम है.