Advertisement

Direct Tax collections: मोदी राज vs कांग्रेस राज, टैक्स कलेक्शन से मौजूदा सरकार का भरा खजाना...

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों में कुल जमा टैक्स का ब्योरा होता है. लेकिन सरकार की तिजोरी में जो असल पैसा आता है वो इस संग्रह में से रिफंड की रकम हटाकर ही पहुंचता है. ऐसे में अगर रिफंड का गुणा-भाग करके 2022-23 और 2013-14 के टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों की तुलना की जाए तो भी इसमें 160 फीसदी का उछाल आया है.

मोदी कार्यकाल में सरकार की जमकर कमाई मोदी कार्यकाल में सरकार की जमकर कमाई
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

टैक्स कलेक्शन के लिहाज से पिछला वित्त वर्ष 2022-23 एक शानदार साल साबित हुआ है. बीते साल सरकार ने बजट में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लिए जो लक्ष्य तय किया था उसे बाद में बढ़ा दिया गया था. लेकिन आखिरी आंकड़ा आने तक सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) इस बढ़ाए गए टारेगट को भी पार कर गया. इसके असर से मोदी सरकार के कार्यकाल में टैक्स कलेक्शन में बंपर इजाफा हुआ है.

Advertisement

मोदी राज में 173% बढ़ा टैक्स कलेक्शन

मोदी कार्यकाल में टैक्स कलेक्शन को लेकर जबरदस्त सुधार किए गए हैं. इसका फायदा अब साफतौर पर नजर आ रहा है. इसकी गवाही डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े भी दे रहे हैं. मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले 2013-14 में सरकार का ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (जिसमें इनकम टैक्स और कॉरपोरेट इनकम टैक्स शामिल होते हैं) 7.21 लाख करोड़ रुपये था. लेकिन 2022-23 में ये आंकड़ा 173 फीसदी की छलांग लगाकर 19.68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

रिफंड के बाद भी टैक्स कलेक्शन में बंपर उछाल

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों में कुल जमा टैक्स का ब्योरा होता है. लेकिन सरकार की तिजोरी में जो असल पैसा आता है वो इस संग्रह में से रिफंड की रकम हटाकर ही पहुंचता है. ऐसे में अगर रिफंड का गुणा-भाग करके 2022-23 और 2013-14 के टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों की तुलना की जाए तो भी इसमें 160 फीसदी का उछाल आया है. 2013-14 में रिफंड के बाद कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.38 लाख करोड़ रुपये था. जबकि रिफंड के बाद डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2022-23 में बढ़कर 16.61 लाख करोड़ पर पहुंच गया है.

Advertisement

बीते 15 साल का टूटा रिकॉर्ड

जीडीपी (GDP) में बदलाव के मामले में डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू में बढ़ोतरी 2021-22 में 2.52 फीसदी रही है. ये पिछले 15 साल में सबसे ज्यादा है. इसके साथ ही टैक्स कलेक्शन लागत 2013-14 में 0.57 फीसदी से घटकर 2021-22 में 0.53 फीसदी रह गई है. इसके अलावा बजट अनुमान के मुकाबले 2022-23 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह करीब 17 फीसदी ज्यादा रहा है.

CBDT मे जारी किए अंतरिम आंकड़े

कर संग्रह से जुड़े ये आंकड़े केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जारी किए हैं. ये आंकड़े अभी फाइनल नहीं हैं और मुमकिन है कि सुधार के बाद इनमें और इजाफा हो जाए. CBDT ने 2021-22 के फाइनल आंकड़े भी जारी कर दिए हैं. इसके बाद अगर GDP के अनुपात में प्रत्यक्ष कर संग्रह को देखा जाए तो 2013-14 में जहां ये जीडीपी के 5.62% के बराबर था वहीं 2021-22 में GDP और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का अनुपात बढ़कर 5.97% हो गया है.

जीएसटी कलेक्शन भी बढ़ा

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के साथ ही इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में भी जोरदार इजाफा हो रहा है. 2022-23 के दौरान ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 22 फीसदी की छलांग लगाकर 18.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. 2022-23 में GST कलेक्शन की खास बात रही कि जहां बीते वित्त वर्ष में अप्रैल के आगाज के साथ अबतक का सबसे ज्यादा GST कलेक्शन हुआ था तो वहीं मार्च में वित्त वर्ष की विदाई के वक्त GST कलेक्शन अबतक के दूसरे उच्चतम स्तर पर रहा था. अप्रैल 2022 में 1.67 लाख करोड़ और मार्च 2023 में 1.6 लाख करोड़ रुपये का GST कलेक्शन हुआ था.

Advertisement

सुधारों के सिर बंधा सेहरा!

मोदी राज में टैक्स कलेक्शन बढ़ने में सरकार के सुधारों का सबसे ज्यादा योगदान रहा है. मोदी सरकार ने कर संग्रह बढ़ाने के लिए नोटबंदी, GST, इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया को आसान बनाने से लेकर रिफंड के प्रोसेस में तेजी लाने का काम भी किया है. इसके साथ ही सरकार ने कालेधन पर टास्क फोर्स बनाने और इनकम टैक्स की नई साइट बनाने जैसे कई बड़े सुधार कार्य किए हैं. इन सबसे टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ाया गया और सरकार की झोली में मोटी रकम बतौर टैक्स आई है. हालांकि टैक्स बढ़ोतरी में लोगों की आमदनी का बढ़ना बड़ी बात रही है जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement