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Domino's Pizza: जोमैटो और स्विगी पर नहीं मिलेगा डोमिनोज का पिज्जा? ये है बड़ी वजह

Domino's Pizza: स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल और आकर्षक डिस्काउंट के साथ भारत में फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं. जोमैटो और स्विगी के कमीशन डोमिनोज और कई अन्य रेस्तरां के लिए चिंता का विषय बन गए हैं. दोनों कंपनियों के खिलाफ उनके रेस्तरां पार्टनर्स ने अनुचित तरीके से व्यापार करने का आरोप लगाया था.

डोमिनोज पिज्जा इंडिया फ्रेंचाइजी ले सकती बड़ा फैसला. डोमिनोज पिज्जा इंडिया फ्रेंचाइजी ले सकती बड़ा फैसला.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST
  • कमीशन से नाखुश रेस्टोरेंट कारोबारी
  • जोमैटो-स्विगी के खिलाफ गंभीर आरोप

डोमिनोज पिज्जा इंडिया फ्रेंचाइजी (Domino's Pizza) अपने कुछ बिजनेस को फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो ( Zomato) और स्विगी (Swiggy) से हटा सकती है. आने वाले दिनों में हो सकता है कि आप जोमैटो और स्विगी से डोमिनोज का पिज्जा ऑर्डर नहीं कर सकें. दोनों ही फूड डिलीवरी ऐप पर बढ़े कमीशन की वजह से डोमिनोज पिज्जा इंडिया परेशान है. रॉयटर्स की खबर के अनुसार, अगर जोमैटो और स्विगी ने अब अपने कमीशन में इजाफा किया, तो डोमिनोज पिज्जा इंडिया इन दोनों ऐप से अपने प्रोडक्ट को दूर कर देगी.

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जोमैटो और स्विगी के खिलाफ गंभीर आरोप

यह खुलासा जुबिलेंट फूडवर्क्स JUBI.NS द्वारा किया गया था, जो भारत में डोमिनोज और डंकिन डोनट्स की चेन ऑपरेट करता है. जुबिलेंट भारत की सबसे बड़ी फूड सर्विस कंपनी है. इसके 1,600 से अधिक ब्रांडेड रेस्तरां आउटलेट हैं. इनमें 1,567 डोमिनोज और 28 डंकिन आउटलेट शामिल हैं. CCI ने अप्रैल में Zomato और Swiggy के जांच के आदेश दिए थे. दोनों ही प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कथित अनुचित व्यापार व्यवहार को लेकर शिकायत सामने आई थी. दोनों कंपनियों के खिलाफ उनके रेस्तरां पार्टनर्स ने अनुचित तरीके से व्यापार करने का आरोप लगाया था.

जुबिलेंट ले सकता है बड़ा फैसला

जुबिलेंट ने इस महीने बताया कि भारत में उसके कुल कारोबार का 26-27 फीसदी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से आया है. इसमें उसका अपना मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट भी शामिल है. कंपनी ने अपने 19 जुलाई के पत्र में CCI को संबोधित करते हुए कहा कि कमीशन दरों में वृद्धि के मामले में, जुबिलेंट अपने अधिक व्यवसायों को ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म से इन-हाउस ऑर्डरिंग सिस्टम में ट्रांसफर करने पर विचार करेगा.

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कमीशन से नाखुश रेस्टोरेंट कारोबारी

स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल और आकर्षक डिस्काउंट के साथ भारत में फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं. जुबिलेंट की ये चेतावनी तब सामने आई है, जब जोमैटो और स्विगी पर भारत के कई रेस्तरां गलत तरीके से बिजनेस करने का आरोप लगाया गया है. सीसीआई का मामला नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की एक शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें 5,00,000 से अधिक सदस्य हैं. जोमैटो और स्विगी पर 20% से 30% की सीमा में लिया गया कमीशन व्यवहारिक नहीं है.

एक वरिष्ठ उद्योग कार्यकारी ने कहा कि जोमैटो और स्विगी के कमीशन डोमिनोज और कई अन्य रेस्तरां के लिए चिंता का विषय थे. नाम जाहिर न करने की शर्त पर एग्जिक्यूटिव ने कहा कि अगर कमीशन में और बढ़ोतरी की जाती है, तो इससे कारोबारियों का मुनाफा कम हो जाएगा. 

 

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