Advertisement

ये 5 बातें... जेलेस्‍की और ट्रंप के बीच बहस से बिगड़ेगा स्‍टॉक मार्केट का मूड? जानें क्‍या होगा असर

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है.

भारतीय बाजार पर क्‍या होगा असर भारतीय बाजार पर क्‍या होगा असर
आजतक बिजनेस डेस्क
  • नई दिल्‍ली,
  • 01 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में मचे हाहाकार के बाद निवेशकों के बीच डर और बढ़ गया है कि आखिर मार्केट (Stock Market) किस करवट बैठेगा? अगर ओभर ऑल बीएसई मार्केट कैप (BSE Market Capitalization) देखा जाए तो पिछले पांच महीने में यह 92 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है. वहीं लगातार पांच महीने से हो रहे गिरावट ने करीब 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मार्केट कल सेंसेक्‍स 1400 अंक से ज्‍यादा टूट गया था, जबकि निफ्टी में 420 अंकों की गिरावट आई थी. 

Advertisement

इस भारी गिरावट के बाद निवेशकों को ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात (Trump-Zelensky Meeting) से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव को खत्म करने का रोडमैप मिलने की उम्मीद थी और अनुमान था कि सोमवार को भारतीय बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है, लेकिन ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस (Trump-Zelensky) ने चिंता पैदा कर दी है. क्‍योंकि रूस के साथ अमेरिकी सरकार का रुख यूरोपीय देशों की भू-राजनीतिक शांति और भारतीय कारोबार के लिए नुकसान पैदा कर सकता है. 

एक्‍सपर्ट्स का क्‍या है मानना है? 
शेयर बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप-जेलेंस्की की बैठक नॉर्थ ब्लॉक के लिए नई टेंशन पैदा कर सकती है, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत को रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने और यूरोपीय देशों को एक्‍सपोर्ट करने का मौका दिया था. अब डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी सरकार को सपोर्ट देकर रूस-यूक्रेन युद्ध से खुद को अलग कर लिया है. ऐसे में भारत के लिए कारोबार को लेकर झटका लग सकता है. 

Advertisement

एक्‍सपर्ट्स ने डिफेंस डील को लेकर भी भारत के समझौते (India Defence Deal) की क्षमता पर भी दबाव की आशंका जताई है, क्योंकि अमेरिका द्वारा रूस के लिए यह नया रुख अमेरिका या किसी भी यूरोपीय देश के साथ डिफेंस डील को बढ़ा सकती है, जिससे भारत से डील प्रभावित हो सकती है. कहा कि ट्रंप-जेलेंस्की की बैठक का नतीजा डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार के लिए ज्‍यादा चोंट पहुंचा सकती है. 

भारत पर क्‍या हो सकता है असर? 

  1. अमेरिका ने यूक्रेन को उसके रहमोकरम पर छोड़ दिया है जैसा कि US ने इराक, अफगानिस्‍तान और ताइवान के साथ किया था. ऐसे में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है. इससे भारतीय शेयर बाजार का सेंटीमेंट निगेटिव की ओर बढ़ सकता है. 
  2. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) और अमेरिका तथा यूरोपीय देशों की ओर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत यूरोपीय देशों के लिए तेल निर्यातक बन गया था. भारत ने रूस से रियायत कीमत पर तेल खरीदा और इसे यूरोपीय देशों को निर्यात किया. अब ट्रंप-जेलेंस्की की इस बैठक के बाद यूरोपीय देश भी रूस-यूक्रेन युद्ध से पीछे हट सकते हैं और रूसी प्रतिबंधों को हटा सकते हैं. इससे भारत का कारोबार प्रभावित हो सकता है.
  3. जेलेस्‍की और ट्रंप के बीच हुए बैठक में फैसला अमेरिका के लिए अच्‍छा है. ऐसे में डॉलर में और तेजी आ सकती है, जिससे भारतीय रुपया और दबाव में आ सकता है. यह भारतीय बाजार के लिए अच्‍छे संकेत नहीं है. 
  4. जेलेस्‍की और ट्रंप के बीच बैठक नतीजे के बाद भू-राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे दुनिया भर में महंगाई का खतरा और ज्‍यादा बढ़ जाएगा. यह भारत समेत ग्‍लोबल मार्केट पर असर डालेगा. 
  5. जेलेस्‍की और ट्रंप के बीच बैठक नतीजे के बाद सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ सकती है, जिससे बाजार के सेंटीमेंट प्रभावित होंगे. 

निवेशकों को क्‍या करना चाहिए? 
एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में इस गिरावट को लेकर अभी इंतजार करना चाहिए. अभी किसी भी तरह की खरीदारी से बचना चाहिए. वहीं SIP करने वालों को अपना इन्‍वेस्‍टमेंट बंद नहीं करना चाहिए. अगर कोई स्‍टॉक खरीदना भी चाहते हैं तो फंडामेंट स्‍टॉन्‍ग शेयरों पर नजर रखें, वह भी बिना एक्‍सपर्ट्स की सलाह के खरीदारी ना करें. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement