
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आदर्श ग्रुप और रिद्धि ग्रुप की कंपनियों की करीब 365 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को कुर्क (attached) कर दिया है. इन दोनों ग्रुप पर करीब 20 लाख निवेशकों से 3830 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है
इन ग्रुप की कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यह कार्रवाई की गई है. जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है उनमें राजस्थान, हरियाणा, नई दिल्ली में कृषि भूमि, आवासीय और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी शामिल हैं. इनके साथ कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और बैंक बैलेंस भी कुर्क किए गए हैं.
कुल 1816 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क
इसके पहले भी प्रवर्तन निदेशालय इन लोगों की छह राज्यों में 1489.03 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क कर चुका है. मार्च 2021 में ईडी ने 124 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी के मुताबिक इन लोगों ने निवेशकों को 3830 करोड़ रुपये का चूना लगाया है और अब तक इनकी 1854.97 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क की गई है.
गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने आदर्श ग्रुप के डायरेक्टर्स मुकेश मोदी और राहुल मोदी के अलावा आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (ACCSL) के कई अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की थी.
कैसे की धोखाधड़ी?
ED का दावा है कि मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदारों वीरेंद्र मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी और ग्रुप के कई अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश किया तथा फर्जी लेनदेन के द्वारा ACCSL से जमाकर्ताओं का धन हड़प लिया.
आरोप के मुताबिक मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदारों-सहयोगियों के साथ मिलकर कई कंपनियां और फर्म बनाईं, तथा उनके रियल एस्टेट कारोबार के लिए ACCSL से फर्जी तरीके से लोन दिलाकर फंड हड़प लिए.
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया, 'इन कंपनियों के शेयर कैपिटल के रूप में भी ACCSL से भारी राशि दिलाई गई. इसके अलावा अपने रिश्तेदारों और कंपनियों को भारी सैलरी, इन्सेंटिव और कमीशन के रूप में बड़े पैमाने पर फंड की हेराफेरी की गई. मुकेश मोदी और अन्य लोगों के इस कृत्य से सोसाइटी को भारी नुकसान हुआ तथा 20 लाख लोगों की गाढ़ी कमाई डूब गई.'