
अगर आप सोच रहे हैं कि मद्रास रबड फैक्ट्री लिमिटेड (MRF Ltd) का स्टॉक भारतीय बाजार का सबसे महंगा स्टॉक है तो आप गलत हैं, क्योंकि हाल ही में एक शेयर ने MRF को पीछे छोड़ दिया है और भारतीय शेयर बाजार का सबसे महंगा स्टॉक बन चुका है. टायर बनाने वाली कंपनी एमआरएफ का शेयर 1.2 लाख रुपये पर कारोबार कर रहा है. जबकि स्मॉलकैप कंपनी का यह शेयर MRF की तुलना में दोगुनी कीमत पर मार्केट में एंटर हुआ है. दिलचस्प बात है कि जुलाई में यह शेयर सिर्फ 3.21 रुपये पर था.
MRF के शेयरों को पीछे छोड़ने वाला यह स्मॉलकैप स्टॉक एल्सिड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (Elcid Investment Ltd Share) है, जिसे मंगलवार, 29 अक्टूबर को BSE पर फिर से लिस्ट किया गया, जिसका प्राइस 2,25,000 रुपये था, लेकिन इंट्राडे के दौरान इसके शेयर में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 2,36,250 रुपये पर पहुंच गया, जिससे इसका कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 4,800 करोड़ रुपये हो गया.
21 अक्टूबर को जारी हुआ था सर्कुलर
21 अक्टूबर को जारी BSE सर्कुलर में कहा गया है कि सोमवार को कीमत तय के लिए विशेष कॉल नीलामी तंत्र के माध्यम से चुनिंदा निवेश होल्डिंग कंपनियों को फिर से लिस्ट किया जाएगा. विशेष प्रावधान के बाद मंगलवार, 29 अक्टूबर को प्रभावी दरों का निपटान किया गया. एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स उनमें से एक थी. अन्य कंपनियों में नलवा संस इंवेस्टमेंट, टीवीएस होल्डिंग्स, कल्याणी इन्वेस्टमेंट कंपनी, LIC इन्वेस्टमेंट, महाराष्ट्र स्कूटर्स, GFL, हरियाण कैपफिन और पिलानी इन्वेस्टमेंट एंड इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन जैसे नाम शामिल थे.
फेल हो गया था डीलिस्टिंग का प्रस्ताव
एल्सिड इन्वेस्टमेंट के प्रमोटर्स ने 1,61,023 रुपये प्रति शेयर के बेस प्राइस पर इसकी डीलिस्टिंग के लिए प्रस्ताव रखा था. इसके लिए एक स्पेशल प्रपोजल भी पेश किया गया था. हालांकि सार्वजनिक शेयरहोल्डर्स का बहुमत न मिलने के कारण यह प्रपोजल फेल हो गया.
क्यों है इतना महंगा शेयर
2,00,000 शेयर पूंजी के साथ एल्सिड इन्वेस्टमेंट्स के पास एशियन पेंट्स लिमिटेड में 2,83,13,860 इक्विटी शेयर या 2.95 प्रतिशत हिस्सेदारी है , जिसकी कीमत पिछले बंद के अनुसार लगभग 8,500 करोड़ रुपये है. यही एकमात्र कारण है जो इस शेयर को शेयर बाजारों में इतनी अधिक कीमत पर बेचता है.
एक दिन में ही 3-4 रुपये से 2.35 लाख पर पहुंचा शेयर
मुंबई स्थित धरावत सिक्योरिटीज के हितेश धरावत ने कहा कि एल्सिड इन्वेस्टमेंट दलाल स्ट्रीट पर चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इसकी एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी है. शेयर की कीमत एक दिन पहले 3-4 रुपये से बढ़कर सीधे 2.35 लाख रुपये हो गई है. हालांकि, बुक वैल्यू अभी भी मौजूदा शेयर कीमत से अधिक है.
काफी समय से नहीं हुआ शेयर में बदलाव
2.36 लाख रुपये प्रति शेयर पर कारोबार करने के बावजूद, शेयर अभी भी एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी के आधार पर 4.25 लाख रुपये प्रति शेयर के अपने आंतरिक शेयर प्राइस से लगभग 45 प्रतिशत छूट पर कारोबार कर रहा है. मंगलवार को 4.33 करोड़ रुपये के 190 शेयरों के कारोबार से पहले, पिछले कुछ सालों में शेयर में बमुश्किल ही कोई बदलाव हुआ है.
पैसा लगाना ज्यादा रिस्की
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी स्ट्रैटेजी के निदेशक क्रान्ति बाथिनी ने कहा कि ऐसी कंपनियों का व्यवसाय अन्य कंपनियों के शेयरों को होल्ड करना है जो निवेशकों के लिए शेयर की कीमतों को निर्देशित करते हैं. ऐसी कंपनियों में पैसा लगाना पूरी तरह से व्यक्तियों की जोखिम उठाने की क्षमता पर आधारित है, लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि इन कंपनियों में लिक्विडिटी जोखिम हो सकता है.
निकलने का पता होना चाहिए तरीका
उन्होंने कहा कि निवेशकों को निवेश करने से पहले कंपनी के कैश फ्लो और कारोबार के नेचर को देखना चाहिए. अगर यह उनके जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल है, तभी पैसा लगाना समझदारी है. ऐसी कंपनियों में कुछ मूल्य हो सकता है, लेकिन निवेशकों को ऐसी कंपनियों से बाहर निकलने का तरीका पता होना चाहिए, ताकि वे बाद में फंड ना जाएं.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)