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पीएमसी बैंक घोटाला: यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय ने किया गिरफ्तार

इस मामले में गिरफ्तार होने वाले राणा कपूर तीसरे शख्स हैं. इससे पहले 23 जनवरी को ईडी ने इस मामले में मेहुल ठाकुर और मैडमगोपाल चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया था.

राणा कपूर पर शिकंजा राणा कपूर पर शिकंजा
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 27 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:28 PM IST
  • पीएमसी बैंक घोटाले में राणा कपूर पर शिकंजा
  • यस बैंक मामले में पहले से ही राणा कपूर गिरफ्तार
  • यस बैंक मामले में राणा कपूर का पूरा परिवार घेरे में

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को बुधवार को गिरफ्तार किया है. ईडी ने राणा कपूर को मैक स्टार ग्रुप/ पीएमसी बैंक घोटाला मामले में अरेस्ट किया है. इस मामले में गिरफ्तार होने वाले राणा कपूर तीसरे शख्स हैं. इससे पहले 23 जनवरी को ईडी ने मेहुल ठाकुर और मैडमगोपाल चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया था.

हालांकि राणा कपूर अभी नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं. ईडी ने पिछले साल मार्च में कपूर को गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ कॉरपोरेट गवर्नेंस में गड़बड़ी मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है.  

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राणा कपूर की गिरफ्तारी एचडीआईएल और मैक स्टार मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े मामले को लेकर हुई है. पीएमसी बैंक मामले में मुख्यतौर पर रियल्टी फर्म हाउसिंग डेवलपमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के प्रमोटर राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन आरोपी हैं. इनपर पीएमसी बैंक से करीब 6,500 करोड़ रुपये का लोन लेकर डकार जाने का आरोप है. 

इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा कपूर को जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया था. ईडी डीएचएफएल से संबंद्ध कंपनी से कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये हासिल करने के मामले में कपूर, उनकी पत्नी और उनकी तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रही है.

गौरतलब है कि यस बैंक मामले में राणा कपूर का पूरा परिवार आरोपों के घेरे में है. राणा कपूर की पत्नी बिन्दू कपूर और उनकी तीन बेटियां राखी, रोशनी और राधा के नाम पर कई कंपनियां हैं. ईडी का कहना है कि डीएचएफल को राणा कपूर की मदद से लोन दिया गया, जबकि डीएचएफल इसे चुकाने में नाकाम रही. 

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रिपोर्ट के मुताबिक बिन्दू कपूर और उनकी तीन बेटियां राखी, रोशनी और राधा के नाम पर कई कंपनियां हैं. इन्होंने कथित रूप कई कॉरपोरेट घरानों से रिश्वत (किकबैक) लिया है. ये किकबैक कथित रूप से येस बैंक से लोन दिये जाने के एवज में मिला है.

बता दें, राणा कपूर और अशोक कपूर ने 2004 में यस बैंक की स्थापना की थी. पिछले साल 5 मार्च को रिजर्व बैंक ने यस बैंक की कमान अपने हाथों में ली थी और बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था. इसकी वजह यह है कि बैंक का एनपीए बहुत बढ़ गया था.

 

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