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EPFO: पहली नवंबर को बड़ी खुशखबरी, Pension स्कीम में बदलाव, साढ़े 6 करोड़ लोगों को फायदा

EPS-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12% हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. जबकि नियोक्ता के 12% हिस्से में से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार की ओर से भी 1.16% का योगदान किया जाता है.

रिटायरमेंट बॉडी फंड ईपीएफओ ने किया बड़ा बदलाव रिटायरमेंट बॉडी फंड ईपीएफओ ने किया बड़ा बदलाव
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ (EPFO) ने पेंशन स्कीम में एक बड़ा बदलाव किया है, जो करोड़ों सब्सक्राइबर्स को राहत देने वाला है. दरअसल, रिटायरमेंट बॉडी फंड ने 6 महीने से भी कम समय में रिटायर होने वाले अपने सब्सक्राइबर्स को कर्मचारी पेंशन योजना (Employee's Pension Scheme 1995) ईपीएस-95 के तहत जमा राशि निकालने की अनुमति दे दी है.

CBT की अपील पर फैसला 
पीटीआई के मुताबिक, श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) की ओर से बयान जारी कर ये जानकारी साझा की गई है. इसमें बताया गया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने सरकार से जो सिफारिश की उसमें छह महीने से भी कम सेवा अवधि वाले सदस्यों को अपने ईपीएस खाते से निकासी की सुविधा देना भी शामिल है. देशभर में साढ़े 6 करोड़ से ज्यादा EPFO सब्सक्राइबर्स हैं.

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इसके साथ ही न्यासी मंडल ने 34 वर्षों से अधिक समय से इस योजना का हिस्सा रहे सदस्यों को आनुपातिक पेंशन लाभ देने की भी अनुशंसा की गई है. इस सुविधा से पेंशनर्स को रिटायरमेंट लाभ के निर्धारण के समय ज्यादा पेंशन पाने में मदद मिलेगी.

अभी सब्सक्राइबर्स को थी ये अनुमति
गौरतलब है कि अभी तक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ग्राहकों को 6 महीने से कम की सेवा बाकी रहने पर सिर्फ अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते (Employee's Provident Fund) में जमा राशि की निकासी की ही अनुमति मिली हुई है. लेकिन रिटायरमेंट बॉडी फंड की ओर से लिए गए इस बड़े फैसले के बाद अब उन सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत मिलेगी, जिनकी कुल 6 महीने की ही सेवा बाकी है. 

भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में बैठक
CBT की ओर से सोमवार को हुई 232वीं बैठक में सरकार से सिफारिश की गई कि ईपीएस-95 योजना में कुछ संशोधन कर रिटायर होने वाले सब्सक्राइबर्स को पेंशन फंड में जमा राशि निकालने की अनुमति दी जाए. श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में ईपीएस-95 के तहत जमा राशि निकालने की सिफारिश पर फैसला लिया गया.

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इस नीति को भी दी गई मंजूरी
रिपोर्ट के अनुसार, श्रम मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि ईपीएफओ के न्यासी मंडल ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) यूनिट में निवेश के लिए एक विमोचन नीति को भी मंजूरी दी है. बोर्ड ने 2022-23 के लिए ब्याज दर की गणना के लिए आय में शामिल किए जाने वाले पूंजीगत लाभ की बुकिंग के लिए कैलेंडर वर्ष 2018 की अवधि के दौरान खरीदी गई ईटीएफ यूनिट्स के विमोचन को भी मंजूरी दी.

श्रम मंत्रालय की ओर से इसके अलावा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ के कामकाज पर तैयार 69वीं वार्षिक रिपोर्ट को भी स्वीकृत की गई, जिसे संसद में पेश किया जाएगा.

 

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