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PF Account पर 7 लाख रुपये का इंश्योरेंस, कोरोना से भी मौत पर मिलेगा पैसा!

EPFO subscribers Life Insurance: EPFO के सभी सब्सक्राइबर (सदस्य) इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) 1976 के तहत कवर होते हैं. जिसके तहत EPFO धारकों को 7 लाख रुपये तक बीमा कवर मिलता है. 

PF खाते पर लाइफ कवर PF खाते पर लाइफ कवर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST
  • कोविड-19 की वजह से भी मौत पर मिलेगी राशि
  • क्लेम के बाद भुगतान एकमुश्त किया जाएगा

अगर आप नौकरी-पेशा हैं, तो फिर आपका PF भी कटता होगा. क्या आपको पता है, आपके PF अकाउंट के आधार पर 7 लाख रुपये तक का लाइफ इंश्योरेंस कवर मिलता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से PF खाताधारकों को 7 लाख रुपये तक का लाइफ कवर दिया जाता है. 

दरअसल, EPFO के सभी सब्सक्राइबर (सदस्य) इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) 1976 के तहत कवर होते हैं. जिसके तहत EPFO धारकों को 7 लाख रुपये तक बीमा कवर मिलता है. 

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कोरोना से मौत पर भी मिलेगी राशि
EPFO की ये स्कीम 5 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के लिए है. EDLI स्कीम के तहत इंप्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर किया जा सकता है. अगर किसी कर्मचारी की कोविड-19 की वजह से भी मौत होती है तो परिजनों को ईडीएलआई के तहत 7 लाख रुपये मिल सकते हैं. 

एकमुश्त मिलेगा पैसा
कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी की ओर से क्लेम के लिए दावा किया जाएगा. भुगतान एकमुश्त होता है. अगर किसी का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह क्लेम दिया जाता है. ऐसे में मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, उसकी कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा इसके लाभार्थी होते हैं.

क्लेम के लिए केवल एक शर्त
कर्मचारी की मौत से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की हो. यानी मौत से पहले एक साल के अंदर कर्मचारी का कार्यरत होना जरूरी है. क्लेम के दौरान इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी की मृत्यु प्रमाण-पत्र, नॉमनी की डिटेल्स और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होगी. 

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कैसे करें क्लेम?
कर्मचारी की मौत के नॉमिनी को क्लेम के लिए फॉर्म-5 IF जमा करना होगा, जिसे नियोक्ता (एंप्लॉयर) सत्यापित करता है. अगर नियोक्ता उपलब्ध नहीं है तो फिर गजटेड अधिकारी, मजिस्ट्रेट, ग्राम पंचायत के अध्यक्ष और नगरपालिका या जिला स्थानीय बोर्ड द्वारा वैरीफाई किया जाएगा.

नियोक्ता भरता है प्रीमियम
EDLI स्कीम में केवल कंपनी की ओर से प्रीमियम जमा किया जाता है, जो कि कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसदी होता है. इसमें अधिकतम बेसिक सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये निर्धारित है, यानी 15 हजार रुपये अधिक बेसिक सैलरी होने के बावजूद काउंट केवल 15 हजार रुपये ही होगी. 
 
ये है गणित

EDLI स्कीम के तहत क्लेम कर्मचारी की आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी+DA के आधार पर होती है. ताजा संशोधन के मुताबिक इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना होगा. जिसमें 1.75 लाख रुपये का अधिकतम बोनस जुड़ेगा. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि कर्मचारी की आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA, जो 15 हजार रुपये है. इस तरह इंश्योरेंस क्लेम (35 x 15,000) + 1,75,000= 7 लाख रुपये अधिकतम बनता है. 
 

 

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