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Eveready कंपनी में उथल-पुथल, चेयरमैन और MD का इस्तीफा, बर्मन ग्रुप का जल्द टेकओवर!

Burman family Takeover Eveready Company: डाबर इंडिया के वाइस चेयरमैन मोहित बर्मन ने कहा कि उनका इरादा सिर्फ कंपनी के कंट्रोल को हाथ में लेने का है. उन्होंने कहा, 'इस ब्रांड में काफी क्षमताएं हैं, कंपनी का फ्यूचर अच्छा नजर आता है, और बिजनेस को नए लेवल पर लेकर जाएंगे'.

Eveready पर जल्द बर्मन फैमिली का कब्जा Eveready पर जल्द बर्मन फैमिली का कब्जा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST
  • सुवामॉय साहा होंगे कंपनी के नए एमडी
  • Eveready पर 20 वर्षों से खेतान ग्रुप का नियंत्रण

बैटरी बनाने वाली कंपनी Eveready में उथल-पुथल का दौर है. दो दिन पहले यानी 28 फरवरी को डाबर इंडिया के प्रमोटर बर्मन फैमिली ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया था कि उसने Eveready में 26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए एक ओपन ऑफर रखा है.

इस बीच अब एवरेडी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) आदित्य खेतान और अमृतांशु खेतान ने इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि बर्मन ग्रुप कंपनी को टेकओवर की तैयारी कर रहा है. मिल रही जानकारी के मुताबिक सुवामॉय साहा (Suvamoy Saha) कंपनी के नए एमडी का कार्यभार संभालेंगे. 

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मार्केट रेगुलेटर सेबी के नियमों के मुताबिक कंपनियों में 25% से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने पर ओपन ऑफर लाना होता है. कंपनी 5.26% के लिए ओपन ऑफर (Open Offer) लेकर आई. इसके बाद अब Eveready में बर्मन फैमिली की हिस्सेदारी बढ़कर 25.11% हो जाएगी. 

ओपन ऑफर के जरिये हिस्सेदारी में इजाफा 

EVEREADY में बर्मन ग्रुप पहले से ही सबसे बड़ी हिस्सेदारी वाली कंपनी है. इसके पास 19.85% हिस्सा है, जो अब बढ़कर करीब 26 फीसदी होने वाली है. ओपन ऑफर के लिए लीड मैनेजर जेएम फाइनेंशियल है. EVEREADY कंपनी 320 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ओपन ऑफर लाई है, जिसके तहत बर्मन ग्रुप 11.38 लाख इक्विटी शेयर्स खरीदेगी.

मोहित बर्मन ने कहा- कंपनी में दम है

डाबर इंडिया के वाइस चेयरमैन मोहित बर्मन ने कहा कि उनका इरादा सिर्फ कंपनी के कंट्रोल को हाथ में लेने का है. उन्होंने कहा, 'इस ब्रांड में काफी क्षमताएं हैं, कंपनी का फ्यूचर अच्छा नजर आता है, और बिजनेस को नए लेवल पर लेकर जाएंगे'.

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पिछले दो वर्षों में एवरेडी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी घटकर 44.1 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी पर आ गई. इसकी मुख्य वजह लोन डिफॉल्ट रही, जिसके चलते लेंडर्स ने गिरवी पड़े शेयर बेच दिए.
 
बता दें, एवरेडी कंपनी पर बीएम खेतान ग्रुप का नियंत्रण पिछले 20 वर्षों से था. 1993 में खेतान ने इसे यूनियन कार्बाइड इंडिया से लिया था और बाद में इसका नाम एवरेडी रखा. आज के दौर में भी ड्राई सेल बैटरी की खूब डिमांड है और कंपनी की मार्केट पर मजबूत पकड़ है. 

 

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