
Raghuram Rajan on Cryptocurrency: रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर लोगों को सचेत किया है. उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी की तुलना चिट-फंड (Chit-Fund) से करते हुए कहा कि दुनिया में चल रहे करीब 6000 में से कुछ ही क्रिप्टोकरेंसी का अस्तित्व रह पाएगा.
17वीं सदी के ट्युलिप मैनिया से की तुलना
राजन ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों के बीच क्रेज की तुलना नीदरलैंड के ट्युलिप मैनिया (Tulip Mania) से की. उन्होंने कहा कि लोग मुख्य तौर पर दो कारणों से क्रिप्टोकरेंसी खरीदते हैं. पहला कारण है कि लोगों को आने वाले समय में इनकी वैल्यू बढ़ने की उम्मीद है और दूसरा कारण है कि क्रिप्टो से पेमेंट (Payment) किया जा सकता है.
नहीं रहेगा ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी का अस्तित्व
पूर्व गवर्नर ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए सवाल उठाया कि क्या वास्तव में पेमेंट करने के लिए लोगों को 6000 क्रिप्टोकरेंसी की जरूरत है. यदि इसकी टेक्नोलॉजी वास्तव में इतनी उपयोगी हुई कि यह नकदी और करेंसी (Cash and Currency) का स्थान ले सके, तब भी एक या दो क्रिप्टोकरेंसी ही पेमेंट के चलते बची रह पाएंगी. इससे यही पता चलता है कि ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी का अस्तित्व बरकरार नहीं रह पाएगा.
राजन ने क्रिप्टोकरेंसी की तुलना अनरेगुलेटेड चिट-फंड से करते हुए कहा कि इसके चलते भी वैसी ही समस्या उत्पन्न हो सकती है. यदि किसी भी चीज की वैल्यू सिर्फ इस कारण से है कि आने वाले समय में वैल्यू बढ़ सकती है, तो यह वास्तव में बबल है.
संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो बिल ला रही है सरकार
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency) पर अंकुश लगाने की तैयारी कर रही है. कुछ अपवादों को छोड़ सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार संसद (Parliament) के आगामी सत्र में एक विधेयक (Bill) लाने वाली है. संसद का आगामी सत्र (Winter Session) 29 नवंबर से शुरू हो रहा है.