
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि हम बैंकिंग कानून संशोधन ला रहे हैं. संशोधन अधिनियम लाने के कई कारण हैं. यह कुछ समय से लंबित था और इसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. सहकारी क्षेत्र के बैंकिंग के संबंध में इसमें कुछ पुनर्गठन भी किए गए हैं. इसमें नॉमिनेशन संबंधी नियम में बदलाव मुख्य है. यह बैंकिंग कस्टमर्स के लिए बेहद खास कदम होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि नॉमिनी का विकल्प कस्टमर्स के लिए होना महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित करना है कि बाद में नामांकित व्यक्ति को अपने सही अमाउंट का दावा करने में कोई परेशानी नहीं हो. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को लोकसभा में बैंकिंग नियमों में बदलाव से जुड़ा बैंकिंग विनियमन संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया था. इसका उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम बैंकिंग रेगुलेशन अमेडमेंट और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अधिनियम में संशोधन करना है.
4 लोगों को बना सकते हैं नॉमिनी
वित्त मंत्री की ओर से पेश इस बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 में हर बैंक अकाउंट में नॉमिनी व्यक्तियों के विकल्प को मौजूदा एक से बढ़ाकर चार करने का प्रावधान है. इस विधेयक में पत्नी/पति या माता-पिता के अलावा भाई-बहन को भी नॉमिनी बनाने का विकल्प मिलेगा. इसे पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी.
इस विधेयक के तहत भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने का प्रस्ताव है.
बजट में किया था ऐलान
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला ने बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 का ऐलान किया था और कहा था कि बहुत जल्द इसे पेश किया जाएगा. जिसके बाद अब कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल चुकी है. वहीं लोकसभा में इसे पेश कर दिया गया है.
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नॉमिनी का मुद्दा लंबे समय से लंबित था और शुक्रवार को आई इस रिपोर्टिंग से बैंकों के लिए कारोबार करने में आसानी में भी सुधार हुआ है और तुलनात्मक रूप से यह अच्छा है. जहां तक दावा न किए गए जमा राशियों का सवाल है, पिछले साल हमने एक विशेष अभियान चलाया था, जिसके तहत हमने प्रत्येक बैंक को सलाह दी थी कि हर ब्रांच को उनके पास मौजूद दावा न किए गए जमा राशियों की संख्या के आधार पर, सक्रिय रूप से अपने स्तर पर आगे बढ़ना चाहिए.