
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश का पालन नहीं करने के मामले में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रा इब्यूनल (NCLAT) की एक बेंच के सदस्यों को माफी दे दी है. वहीं सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश का पालन नहीं करने पर फिनोलेक्स केबल्स के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक छाबड़िया पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की जांच करने वाले पर भी 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सुप्रीम ने दोनों को दो हफ्ते के अंदर ये राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करने का आदेश दिया है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैंने अपने 23 साल के न्यायिक पेशेवर जीवन में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के प्रति लापरवाही का ऐसा मामला नहीं देखा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदी वाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
फिनोलेक्स केबल्स में सुप्रीम कोर्ट बेहद सख्त
इसके बाद एनसीएलएटी के न्यायिक सदस्य राकेश कुमार के इस्तीफे को जानकारी वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने दी. पटवालिया ने आग्रह किया कि कोर्ट इस मामले में नरम रुख रखे. कोर्ट ने आदेश दिया कि NCLAT के सदस्यों ने अपना जवाब भेजा है. कोर्ट ने कहा कि आदेश अपलोड भी हो गया था. लेकिन NCLAT की पीठ वो आदेश समुचित ढंग से चाहती थी. लिहाजा सब कुछ जानते हुए भी आदेश की अवमानना की. लेकिन सदस्य ने बिना शर्त माफी मांगी है तो ये अदालत उनकी माफी स्वीकार करती है.
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के तकनीकी सदस्य की बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है. फिनोलेक्स केबल्स मामले में उनके खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया गया है. कोर्ट ने NCLAT की सुनवाई की फुटेज भी देखी. फुटेज में पक्षकार सुप्रीम कोर्ट के उसी दिन के आदेश की प्रति दिखा रहे हैं. लेकिन ट्रिब्यूनल पर उसका कोई असर नहीं दिखा. कोर्ट ने आदेश में कहा कि सीसीटीवी फुटेज से भी साफ है कि न्यायिक सदस्य को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पता था.
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत ने फिनोलेक्स केबल्स (Finolex cables) के मामले में NCLAT की बेंच को अपने आदेश का पालन नहीं करने का दोषी ठहराया था. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को NCLAT की बेंच को समन जारी करते हुए टाइब्यूनल के ऑर्डर को खारिज कर दिया था. सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए NCLAT को नया बेंच बनाने को कहा था. NCLAT का यह ऑर्डर फिनोलेक्सग्रुप पर नियंत्रण को लेकर दीपक छाबड़िया और प्रकाश छाबड़िया के विवाद से जुड़ा है.