Advertisement

अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान : फिच रेटिंग्स

फिच रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में देश की आर्थिक वृद्धि दर में 11 प्रतिशत विस्तार का अनुमान जताया है. क्या होगी आर्थिक स्थिति जानें यहां.

अगलेे वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 11 प्रतिशत बढ़ेगी! (फाइल फोटो) अगलेे वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 11 प्रतिशत बढ़ेगी! (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:29 PM IST
  • चालू वित्त वर्ष में रहेगी 9.4% की गिरावट
  • अगले पांच साल में 6.5% की दर से बढ़ने की संभावना
  • कोरोना वायरस का अर्थव्यवस्था पर गहरा असर

कोरोना वायरस, लॉकडाउन के असर से धीरे-धीरे उबर रही देश की अर्थव्यवस्था के अगले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यस्था में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान भी जताया है.

अगले वित्त वर्ष तेजी से उबरेगी अर्थव्यवस्था

फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में नरमी आना कोविड-19 महामारी के पहले से शुरू हो गया था. कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने उसे तगड़ा झटका दिया. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अभूतपूर्व लॉकडाउन का सामना किया, जिसका अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा. वर्तमान में अर्थव्यवस्था फिर से सुधार की राह पर है. अगले वित्त वर्ष के दौरान इसके तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. उसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के बीच देश की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़कर 6.5 प्रतिशत वार्षिक रह सकती है.

Advertisement

देखें आजतक लाइव टीवी

क्या है फिच का अनुमान?

पीटीआई की खबर के मुताबिक फिच रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट जारी की. इसमें अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 11 प्रतिशत के विस्तार की उम्मीद जतायी गयी है. जबकि चालू वित्त वर्ष अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच में 9.4 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है. वर्ष 2019 में देश की आर्थिक वृद्धि दर दशक के निचले स्तर पर आकर 4.2 प्रतिशत रही थी. यह 2018 के 6.1 प्रतिशत से भी नीचे थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी.

कैसा होगा अर्थव्यवस्था का हाल?

फिच ने सप्लाई-साइड में संभावित जीडीपी वृद्धि को लेकर अपने छह साल के अनुमान को कम किया है. संशोधन के बाद वित्त वर्ष 2020-21 से लेकर 2025-26 के बीच में यह 5.1 प्रतिशत वार्षिक रहेगा, जबकि कोरोना वायरस महामारी से पहले उसने इसके 7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था

Advertisement

नीची निवेश दर से श्रम उत्पादकता पर दबाव

फिच ने कहा कि उसके पिछले 15 साल के जीडीपी प्रति व्यक्ति आकलन के हिसाब से देश में श्रम उत्पादकता बढ़ाने में उच्च निवेश दर की अहम भूमिका रही. लेकिन पिछले साल में निवेश दर में तेज गिरावट दर्ज की गयी है. फिच ने कहा कि इससे श्रम उत्पादकता पर दबाव पड़ेगा. साथ ही कॉरपोरेट की बैलेंस शीट को दुरुस्त करने की जरूरत है. अन्यथा अर्थव्यवस्था की रिकवरी पर दबाव पड़ेगा.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement