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वित्त मंत्री सीतारमण ने भगवान हनुमान से की भारतीय कंपनियों की तुलना, जानिए क्यों?

Nirmala Sitharaman ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने से झिझकने का क्या कारण है, आखिर कौन सी चीजें हैं, जो निवेश करने से रोक रही हैं? उन्होंने उद्योग जगत को भरोसा दिलाया कि सरकार उद्योग के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखती है और नीतिगत कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

सीतारमण ने हनुमान से की भारतीय कंपनियों की तुलना सीतारमण ने हनुमान से की भारतीय कंपनियों की तुलना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को एक सम्मेलन के दौरान भारतीय कंपनियों की तुलना भगवान 'हनुमान' से की. 'Mindmine Summit 2022' में बोलते हुए उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश  (Manufacturing Sector Investment) से झिझकने की वजह पूछी. उन्होंने सवाल किया कि, आखिर कौन सी चीज आपको निवेश करने से रोक रही है? 

घरेलू निवेशकों को लेकर ये कहा
'माइंडमाइन समिट 2022' के 15वें संस्करण में बोलते हुए वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा कि India Inc भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की तरह है. उन्होंने कहा कि इन्हें अपनी शक्ति के बारे में पता नहीं है. इस दौरान उन्होंने 'द हंटर एंड द बर्ड्स' की प्रसिद्ध कहानी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक ओर दूसरे देशों का भारत पर भरोसा बढ़ रहै है.

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एफडीआई और एफपीआई प्रवाह से इसे समझा जा सकता है. लेकिन दूसरी ओर घरेलू निवेशकों (Domestic Investors) में निवेश को लेकर कुछ झिझक देखने को मिल रही है.  

मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश का मुद्दा
बिजनेस टुडे के मुताबिक, वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि क्या यह भगवान हनुमान की तरह है? आप अपनी क्षमता पर, अपनी ताकत पर भरोसा नहीं करते हैं और आपके बगल में कोई खड़ा हुआ,जब यह कहता है कि आप हनुमान हैं, इसको कीजिए? वह व्यक्ति कौन है जो हनुमान को बताने वाला कि वे कौन हैं और क्या कर सकते हैं?

वित्त मंत्री ने कहा कि यह सरकार बिल्कुल नहीं हो सकती. सीतरमण ने यह टिप्पणी घरेलू निवेशकों के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश से झिझकने के मुद्दे को लेकर की. 

वित्त मंत्री ने कहा- यह समय भारत का
सीतारमण ने कहा कि यह समय भारत का है और हम इस अवसर को खोने नहीं दे सकते. उन्होंने उद्योग जगत से सवाल करते हुए कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने से झिझकने का क्या कारण है, आखिर कौन सी चीजें हैं, जो निवेश करने से रोक रही हैं? वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि केंद्र सरकार उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखती है और नीतिगत कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. 

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कोई नीति अपने आप में अंतिम नहीं
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी नीति अपने-आप में अंतिम नहीं हो सकती...जैसे-जैसे हम आगे की ओर बढ़ते जाते हैं यह और भी विकसित होती रहती है. यह उन उद्योगों पर भी लागू होता है, जो उभरते क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं. सीतारमण ने कहा कि इनके लिए हमने प्रोत्साहन के माध्यम से नीतिगत समर्थन दिया है.

 

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