
भारतीय कंपनियां विदेशी शेयर बाजारों के साथ ही अहमदाबाद के इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) पर भी लिस्ट हो सकेंगी. GIFT IFSC की बढ़ती लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अब भारतीय कंपनियों को सीधे विशेष क्षेत्र में लिस्टिंग की अनुमति दे दी है. भले ही वे देश के किसी भी एक्सचेंज पर कहीं और लिस्ट न हों.
शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मुंबई में कॉरपोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड (CDMDF) लॉन्च करते हुए कहा कि सरकार ने भारतीय कंपनियों को इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) में सीधे एक्सचेंजों पर लिस्टिंग की अनुमति दे दी है.
IFSC पर लिस्टिंग की अनुमति
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने एक्सचेंजों पर लिस्टेड और नॉन-लिस्टिंग कंपनियों को सीधे IFSC पर लिस्टिंग की अनुमति दे दी है. यह एक बड़ा कदम है और इससे घरेलू कंपनियां ग्लोबल मार्केट तक पहुंच सकेंगी और उनका वैल्यूएशन बेहतर होगा. यह इस मायने में अहम है कि मई 2020 में सरकार ने सबसे पहले भारतीय कंपनियों को सीधे विदेशी न्यायक्षेत्रों में सूचीबद्ध होने की अनुमति देने का विचार रखा था. भारत का पहला IFSC वास्तव में एक विदेशी डेस्टिनेशन नहीं है, बल्कि एक विशेष आर्थिक जोन (SEZ) है, जो विदेशी क्षेत्राधिकार के समान कई प्रोत्साहन और लाभ प्रदान करता है.
जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन
कार्यक्रम में मौजूद वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय कंपनियों को GIFT IFSC एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने की अनुमति देने वाला नोटिफिकेशन को जल्द जारी किया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में भारतीयों कंपनियों के लिए लिस्टिंग की अनुमति दी जाएगी. बाद में सात या आठ देशों में इसकी अनुमति दी जाएगी.
निवेशकों का भरोसा होगा मजबूत
सरकार का ये फैसला तीन साल के बाद आया है. इससे पहले मई 2020 में कोविड महामारी के दौरान राहत पैकेज का ऐलान करते हुए सरकार ने कहा था कि वो घरेलू कंपनियों को एक्सचेंजों पर लिस्टिंग कराकर पूंजी जुटाने की अनुमति देगी. अब तीन साल बाद सरकार ने मंजूरी देने का ऐलान किया है. यह कदम कॉरपोरेट डेब्ट मार्केट में म्यूचूअल फंड और निवेशकों के भरोसे को मजबूत करने में मदद करेगा. साथ ही कॉरपोरेट डेब्ट सिक्योरिटी में सेंकड्री मार्केट में सुधार लाने के लिए हैं.
सेबी के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश का कैपिटल मार्केट ट्रेंड सेटर बनकर उभरा है. स्टॉक मार्केट में सेटलमेंट में अब तेजी आई है. डीमैट खातों की संख्या साल 2013 के दो करोड़ से बढ़कर 2023 में 11.4 करोड़ हो गई है.