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क्या महंगाई, क्या मंदी? वित्त मंत्री ने संसद में दिया हर सवाल का जवाब

सदन में महंगाई पर विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान देश में महंगाई कुल 9 बार डबल डिजिट में रही थी. आटा, दही, पनीर, पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी लगाने के फैसले पर भी वित्त मंत्री ने जवाब दिया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST
  • जीेएसटी की नई दरों पर दिया जवाब
  • मोदी सरकार में सब्सिडी पर खर्च बढ़ा

लोकसभा (Lok Sabha) में महंगाई (Inflation) पर हुई जोरदार चर्चा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने विपक्ष के तमाम सवालों के जवाब दिए. वित्त मंत्री ने माना की देश में इस वक्त महंगाई है, लेकिन यूपीए (UPA) की सरकार के कार्यकाल के मुकाबले कम है. साथ ही उन्होंने महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार के उठाए कदमों के बारे में भी सदन को बताया. मंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि भारत में मंदी आने की कोई आशंका नहीं है. देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है.

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यूपीए सरकार के कार्यकाल से तुलना 

सदन में महंगाई पर विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान देश में महंगाई कुल 9 बार डबल डिजिट में रही थी. उन्होंने बाताया कि यूपीए के शासन में 22 महीने तक खुदरा महंगाई दर 9 फीसदी के ऊपर रही थी. वहीं, हम महंगाई को 7 फीसदी से कम रखने की कोशिश कर रहे हैं. देश में जून के महीने में रिटेल महंगाई 7.01 फीसदी रही थी.

तेलों की कीमतों में गिरावट

महंगाई कम करने के लिए सरकार के लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि खाने वाले तेलों की कीमतों में गिरावट आई है. कोरोना महामारी, दूसरी लहर, ओमिक्रॉन, रूस-यूक्रेन (युद्ध) के बावजूद हमने महंगाई दर को 7 फीसदी या उससे नीचे बनाए रखा है. इससे आपको मानना होगा. 

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इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती

सदन में महंगाई पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की है. उन्होंने कहा कि हमने महंगाई को कम करने के लिए दलहन और तिलहन पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई गई है. मसूर दाल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 30 फीसदी से घटाकर जीरो कर दिया है. स्टील उद्योग के लिए भी कुछ कच्चे माल के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई है. सरकार के इस फैसल के बाद ही घरेलू मार्केट में स्टील की कीमतों में गिरावट आई है.

जीएसटी पर विपक्ष भी घिरा

आटा, दही, पनीर, पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी लगाने के फैसले पर भी वित्त मंत्री ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि ये फैसला विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों की सहमति से ही लिया गया है. उन्होंने बताया कि पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों में पहले भी अनाज, पनीर व दही पर 5 फीसदी के दर वैट लगता था.

सब्सिडी पर खर्च

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों का ध्यान रख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में खाद्यान्न, खाद और ईंधन पर 24.85 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. यूपीए सरकार के 10 साल के शासन में इनसे जुड़ी सब्सिडी के लिए सिर्फ 13.99 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. 

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जीएसटी कलेक्शन में इजाफा

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 5 महीनों से लगातार जीएसटी कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो रहा है. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जून के महीने में डबल डिजिट में इजाफा हुआ है. कोर सेक्टर में वार्षिक आधार पर 12.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत ही पॉजिटिव संकेत दिखा रही है.

 

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