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विदेशी निवेशकों का भारतीय मार्केट में भरोसा मजबूत, खरीद डाले 31,630 करोड़ के शेयर

भारतीय शेयर मार्केट में बीते सप्ताह जोरदार तेजी देखने को मिली. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भी मार्केट में अपना फ्लो बढ़ा दिया है. नवंबर के महीने में FPI ने जमकर खरीदारी की है. इस वजह से अब बिकावाली थमती नजर आ रही है.

विदेशी निवेशकों की भारतीय मार्केट में वापसी विदेशी निवेशकों की भारतीय मार्केट में वापसी
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 27 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

भारतीय शेयर मार्केट (Indian Share Market) से बिकवाली का दौर खत्म होता हुआ नजर आ रहा है. बीते सप्ताह बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है. साथ ही विदेशी निवेशकों की एक बार फिर से भारतीय शेयर मार्केट में वापसी नजर आने लगी है. आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने नवंबर के महीने में अबतक भारतीय शेयर मार्केट में 31,630 करोड़ रुपये निवेश किए हैं. आक्रामक रूप से ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मंदी की आशंका के बीच भारतीय मार्केट के लिए ये पॉजिटिव संकेत है.

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अब नहीं होगी बड़ी बिकवाली

एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगस्त और सितंबर में नेट बिकवाली के बाद अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा बड़ी बिकवाली की संभावना बेहद कम नजर आ रही है. डिपॉजिटरी के आंकड़े के अनुसार, एक से 25 नवंबर के दौरान FPI ने शेयरों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ की खरीदारी की है. इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अक्टूबर के महीने में आठ करोड़ और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये की निकासी की थी.

अब तक कुल निकासी

अगस्त के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 51,200 करोड़ रुपये का निवेश किया था. वहीं, जुलाई के महीने में उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. इस पॉजिटिव ट्रेंड से पहले FPI ने डॉलर की लगातार मजबूती के दौरान अक्टूबर 2021 से लगातार नौ महीनों तक शेयरों की बिकावाली की थी. इस साल अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों से 1.37 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं. 

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क्यों लौट रहे हैं निवेशक?

ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी के समाप्त होने की संभावना, महंगाई दर में गिरावट और भारतीय इकोनॉमी की मजबूत जुझारू क्षमता की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजार में पैसा डाल रहे हैं. भारत के अलावा एशियाई मार्केट में भी FPI का रुख पॉजिटिव रहा है. 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नवंबर में FPI का फ्लो बढ़ने की वजह शेयर बाजारों में तेजी, भारतीय अर्थव्यवस्था और रुपये की स्थिरता है. भारत के अलावा इस महीने फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाइलैंड के बाजारों में भी FPI का फ्लो शानदार रहा है. 

महंगाई दर में गिरावट

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce & Industry) के आंकड़े के अनुसार, थोक महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 8.39 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 10.70 फीसदी पर थी. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) में भी गिरावट दर्ज की गई. अक्टूबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही, जो सितंबर के महीने में  7.41 फीसदी रही थी.
 

 

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