
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 3,944 करोड़ रुपये डाले हैं. विदेशी निवेशक संभावित रूप से बेहतर रिटर्न की उम्मीद में भारत जैसे आकर्षक बाजारों का रुख कर रहे हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से 18 सितंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 1,766 करोड़ रुपये डाले. उन्होंने लोन या बांड बाजार में शुद्ध रूप से 2,178 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस तरह उनका कुल शुद्ध निवेश 3,944 करोड़ रुपये रहा. इससे पिछले लगातार तीन माह तक एफपीआई शुद्ध लिवाल रहे हैं.
भारतीय बाजार से बेहतर रिटर्न की उम्मीद
अगस्त में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 46,532 करोड़ रुपये डाले थे. जुलाई में उनका निवेश 3,301 करोड़ रुपये और जून में 24,053 करोड़ रुपये रहा था. पीटीआई के मुताबिक मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि वैश्विक बाजारों में अत्यधिक तरलता की वजह से भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ रहा है.
बांड बाजार में निवेश के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की आक्रामक तरीके से बांड की खरीद से वहां इससे प्राप्ति कम हुई है. यह एक वजह हो सकती है कि एफपीआई भारत जैसे आकर्षक बाजार की ओर रुख कर रहे है. यहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है.
हालांकि सितंबर में अभी तक शेयर बाजार में दबाव देखने को मिला है. सीमा पर चीन से तनातनी और कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से शेयर बाजार में ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली हो रही है. जानकार बता रहे हैं कि चीन से रिश्तों में सुधार के बाद ही बाजार में तेजी की उम्मीद है.