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विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर मार्केट से टूट रहा भरोसा, ऐसे कैसे संभलेगा बाजार?

Share Market: विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशक भारतीय शेयर मार्केट के प्रति बेहद सतर्क नजर आ रहे हैं. इसका असर मार्केट पर नजर भी आ रहा है. लागातार 16 सत्रों से विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशक बिकवाली कर रहे हैं. हालांकि, महंगाई दर के आंकड़े में गिरावट आई है.

विदेशी निवेशकों ने इस हफ्ते भी की बिकवाली. विदेशी निवेशकों ने इस हफ्ते भी की बिकवाली.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (FII) का भारतीय शेयर मार्केट से बिकवाली का सिलसिला जारी है. विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने लगातार 16 दिनों तक बिकवाली जारी रखी है और इस दौरान 23,800 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई है. जनवरी में अब तक इक्विटी मार्केट से 17,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी विदेशी निवेशक कर चुके हैं. NSDL के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू इक्विटी मार्केट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निकासी भी 15,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. विदेशी निवेशकों का बिकवाली का रुझान आगे भी जारी रह सकता है.

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16वें कारोबारी सत्र में बिकवाली

FII ने लगातार 16वें कारोबारी सत्र में बिकवाली की, जिससे कुल बिकवाली का आंकड़ा 23,887 करोड़ रुपये हो गया है. शुक्रवार को FII ने भारतीय शेयर मार्केट से करीब 2,422.39 करोड़ रुपये की बिकवाली की. FII ने 11 जनवरी को चालू महीने में अब तक की अपनी सबसे बड़ी बिक्री की. इस दिन आउटफ्लो 3,208.15 करोड़ रुपये का था. 12 जनवरी को 1,662.63 करोड़ रुपये, 10 जनवरी को 2,109.34 करोड़ रुपये और 9 जनवरी को 203.13 करोड़ रुपये की निकासी मार्केट से हुई थी. कुल मिलाकर सप्ताह में भर में भारतीय इक्विटी मार्केट से 9,605.64 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ.

सतर्क रुख अपना रहे निवेशक

एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय इक्विटी बाजारों के प्रति सतर्क रुख अपना रहे हैं. कहा जा रहा है कि महंगाई दर के आंकड़े में आई गिरावट का असर कुछ खास नहीं दिखने वाला है और आने वाले दिनों में भी विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रह सकती है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 2-13 जनवरी के दौरान भारतीय इक्विटी बाजारों से 15,068 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है.

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जनवरी के पहले सप्ताह में आउटफ्लो

NSE के आंकड़ों के अनुसार, 2-6 जनवरी के बीच FPI ने इक्विटी से 5,872 करोड़ रुपये निकाले गए थे. वहीं, विदेशी इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (FII) ने 2 जनवरी से 6 जनवरी तक भारतीय इक्विटी से 7,813.44 करोड़ रुपये निकाले थे. एक्सपर्ट्स का मानना है कि FPI की शुद्ध बिक्री के लिए मुख्य ट्रिगर प्वाइंट अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरें और भारतीय रुपये में गिरावट रही.

2022 में हुई थी इतनी निकासी

एफपीआई ने 2022 में भारतीय इक्विटी बाजार से 1.21 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी. इनफ्लो के मामले में FPI के लिहाज से ये सबसे खराब वर्ष था. FPI ने 2021 में इक्विटी मार्केट में 25,752 करोड़ रुपये, 2020 में 1.7 लाख करोड़ रुपये और 2019 में 1.01 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. इन निवेशों से पहले 2019 में 33,014 करोड़ रुपये की निकासी देखी गई थी.

 

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