
अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं. वह जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं उससे ऐसा भी हो सकता है कि जल्द ही मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर एशिया और भारत के नंबर वन अमीर बन जाएं. स्कूल की पढ़ाई भी पूरी न कर पाने वाले गौतम अडानी की यह सफलता चकित करने वाली है.
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार गौतम अडानी की कुल संपत्ति 67.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 4.93 लाख करोड़ रुपये) है. धीरूभाई अंबानी की तरह गौतम अडानी भी पहली पीढ़ी के कारोबारी हैं. उनका जन्म 1962 में गुजरात के रतनपोल में हुआ था. वह अपनी स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाए.
छोटे स्तर से शुरुआत
आज देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के टाइकून कहे जाने वाले गौतम अडानी को सिर्फ 16 साल की उम्र में कारोबार में हाथ आजमाने के लिए मुंबई जाना पड़ा. साल 1978 में वह मुंबई गए और हीरे का कारोबार शुरू किया. लेकिन 1981 में वह गुजरात लौट गए और अपने भाई की प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम शुरू किया.
साल 1988 में उन्होंने कमोडिटी का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट करने वाली कंपनी के रूप में अडानी एंटरप्राइजेज की शुरुआत की. साल 1991 में हुए आर्थिक सुधारों की बदौलत अडानी का बिजनेस जल्द ही डायवर्सिफाई हुआ और वह एक मल्टीनेशनल बिजनेसमैन बन गए.
तकदीर बदलने वाला कॉन्ट्रैक्ट
साल 1995 का साल गौतम अडानी के लिए बेहद सफल साबित हुआ, जब उनकी कंपनी को मुंद्रा पोर्ट (Mundra Port) के संचालन का कॉन्ट्रैक्ट मिला. गुजरात सरकार ने कच्छ में मुंद्रा पोर्ट एवं एसईजेड का संचालन किसी निजी कंपनी को देने का फैसला किया और यह गौतम अडानी के जीवन का एक बड़ा मोड़ साबित हुआ. उन्हें इस पोर्ट का नियंत्रण मिला और आज यह निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा पोर्ट बन गया है. 1996 में अडानी पावर लिमिटेड अस्तित्व में आई.
विदेश में फैलाया कारोबार
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में माइंस, पोर्ट और रेलवे जैसे कारोबार में कदम रखा. साल 2010 में उन्होंने इंडोनेशिया में माइनिंग कारोबार शुरू किया. साल 2011 में अडानी ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया के अबॉट पॉइंट कोल टर्मिनल को 2.72 अरब डॉलर में खरीदा.
आज अडानी ग्रुप का कारोबार एनर्जी, पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, माइनिंग, गैस, डिफेंस एवं एयरोस्पेस और एयरपोर्ट जैसे विविध क्षेत्रों तक फैला है. अडानी समूह की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में शामिल हैं-अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी टोटल गैस लिमिटेड.
पिछले एक साल में कोविड के बावजूद अधिग्रहणों और बुनियादी ढांचे वाली उनकी परियोजनाओं ने उनकी किस्मत चमकाई है. अडानी ग्रुप की 6 कंपनियां मार्केट कैप के हिसाब से भारत की 100 सबसे ज्यादा वैल्यू वाली कंपनियों में शामिल हो गई हैं.
साल 2020 और 2021 के दौरान गौतम अडानी ने कई बंदरगाहों, एयरपोर्ट्स, डाटा सेंटर्स, सोलर पीवी मैन्युफैक्चरिंग, पावर एंड कोल जनरेशन कैपेसिटी आदि को अपनी कंपनी के एसेट्स में जोड़ा है. इन पर अडानी ग्रुप का या तो सीधा स्वामित्व है या फिर इन्हें ग्रुप की कंपनियों द्वारा मैनेज किया जाता है.
फॉर्च्यून ब्रांड के उत्पाद
अडानी ग्रुप ने साल 1999 में विल्मर इंटरनेशनल के साथ एक जॉइंट वेंचर बनाया जिसके द्वारा एफएमजीसी कारोबार किया जाता है. यह देश की सबसे तेजी से बढ़ती फूड एफएमसीजी कंपनियों में से एक है. इसके द्वारा फॉर्च्यून ब्रांड के तहत कई उत्पादों का कारोबार होता है.
रिन्यूएबल सेक्टर की सबसे बड़ी डील
हाल में अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने जापान के सॉफ्टबैंक और भारत के भारती समूह से एक बड़ी डील की है. इसके तहत कंपनी एसबी एनर्जी इंडिया का अधिग्रहण करेगी. इससे अडानी के रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो में 4,954 मेगावॉट की क्षमता जुड़ जाएगी. यह सौदा 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 25,500 करोड़ रुपये) का है.
सात एयरपोर्ट पर नियंत्रण
गौतम अडानी अहमदाबाद, जयपुर, तिरुवनंतपुरम, मंगलुरु, गुवाहाटी और लखनऊ हवाई अड्डों के संचालन के लिए बड़ी बोली लगाकर बड़ी लीग में शामिल हो गए हैं. अडानी समूह के पास मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 74 फीसदी हिस्सेदारी है. ग्रुप ने जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स से मुंबई हवाई अड्डे की हिस्सेदारी खरीदी है.
कठिन वैश्विक कारोबारी माहौल के बावजूद अडानी समूह ने 2019-20 में दुनिया के बाजारों में 4.26 अरब डॉलर (31,098 करोड़ रु.) के कुल सात बॉन्ड सफलतापूर्वक पेश किए.
शर्मीले स्वभाव के
गौतम अडानी को गुजराती व्यंजन काफी पसंद हैं. उनकी शादी एक डेंटिस्ट प्रीति से हुई जिनसे उनके दो बेटे करन और जीत हैं. वह शर्मीले स्वभाव के हैं और पार्टियों में जाने से बचते हैं. वह अपने परिवार के साथ अहमदाबाद में रहते हैं.
अपहरण और मुंबई का आतंकी हमला
गौतम अडानी कई विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकले हैं. नब्बे के दशक में एक बार उनका फिरौती के लिए अपहरण भी हो चुका है. इसलिए अब उनकी सुरक्षा व्यवस्था काफी पुख्ता रहती है. साल 1997 में उनके अपहरण की एक घटना ने सबको चौंका दिया था. इसी तरह 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले के दौरान ताज होटल में थे और उसके सर्वाइवर हैं.