
अडानी ग्रुप की कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की कंपनी अडानी विल्मर की लिस्टिंग इस साल शेयर मार्केट में हुई. स्टॉक मार्केट में लिस्ट में होने वाली अडानी ग्रुप की ये सातवीं कंपनी है. कंपनी के बिजेनस मॉडल को लेकर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि हमारे बिजनेस मॉडल में हम कंपनी को शुरू करते हैं, मुनाफे के लायक बनाते हैं फिर लिस्ट कराते हैं. ये आईपीओ भी उसी का उदाहरण है.
इंडिया टुडे मैगजीन ने गौतम अदाणी को 'न्यूज मेकर ऑफ द ईयर' घोषित किया है. इसके तहत इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा ने गौतम अदाणी से खास बातचीत की है.
पहली पीढ़ी के कारोबारी
धीरूभाई अंबानी की तरह गौतम अडानी भी पहली पीढ़ी के कारोबारी हैं. उनका जन्म 1962 में गुजरात के एक छोटे से कस्बे थराड़ में शांति लाल और शांता बेन अडानी के परिवार में हुआ था. यह एक शुद्ध शाकाहारी जैन वैश्य परिवार था. अडानी कुल सात भाई बहन हैं. उनके पिता कपड़े का व्यापार करते थे.
फरवरी में हुई थी अडानी विल्मर की लिस्टिंग
अडानी विल्मर के शेयर इस साल फरवरी महीने में बाजार में लिस्ट हुए थे. महज 221 रुपये से शुरू हुआ सफर एक समय 878.35 रुपये तक पहुंचा था. यही अडानी विल्मर का 52-वीक हाई (Adani Wilmar All Time High) लेवल भी है, जो 28 अप्रैल 2022 को हासिल हुआ था. अडानी विल्मर का शेयर 08 फरवरी को बाजार में 221 रुपये पर लिस्ट हुआ था. इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस की तुलना में 3.91 फीसदी के डिस्काउंट पर हुई थी.
अडानी विल्मर गौतम अडानी के नेतृत्व वाले ग्रुप अडानी ग्रुप और सिंगापुर के विल्मर समूह के बीच 50:50 की जॉइंट वेंचर कंपनी है. कंपनी फॉर्च्यून ब्रांड के खाना पकाने के तेल बेचती है. खाना पकाने के तेल के अलावा यह चावल, गेहूं का आटा और चीनी जैसे खाद्य उत्पाद बेचता है. कंपनी साबुन, हैंडवाश और सैनिटाइजर जैसे गैर-खाद्य उत्पाद भी बेचती है.
5 लाख रुपये से हुई थी स्थापना
गौतम अडानी ने साल 1988 में कमोडिटी का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट करने वाली कंपनी के रूप में अडानी एक्सपोर्ट्स की शुरुआत की, जिसका बाद में नाम बदलकर अडानी एंटरप्राइजेज कर दिया गया था. अडानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना सिर्फ 5 लाख रुपये की पूंजी से की गई थी. अडानी एंटरप्राइजेज को 1994 में शेयर बाजार में लिस्ट कर दिया गया.
इस कंपनी की स्थापना के तीन साल बाद ही तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने भारत में उदारीकण की शुरुआत की. साल 1991 में हुए आर्थिक सुधारों की बदौलत अडानी का बिजनेस जल्द ही डायवर्सिफाई हुआ और वह एक मल्टीनेशनल बिजनेसमैन बन गए. फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.