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अडानी के शेयरहोल्डर्स के लिए खुशखबरी! BSE और NSE ने लिया ये बड़ा फैसला

अडानी ग्रुप (Adani Group) की इन कंपनियों के शेयरहोल्डर्स को स्टॉक एक्सचेंजों ने बड़ी खुशखबरी दी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के तीन महीना बीतने के बाद अब स्टॉक एक्सचेंज ने बड़ा फैसला लिया है.

अडानी ग्रुप की कंपनियों पर बीएसई और एनएसई ने लिया ये फैसला. अडानी ग्रुप की कंपनियों पर बीएसई और एनएसई ने लिया ये फैसला.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2023,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने शुक्रवार को अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों- अडानी टोटल गैस लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को एडिशनल सर्विलांस मैसर्स (ASM) से हटाने की घोषणा की है. स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि अडानी ग्रुप की इन तीन कंपनियों को 15 मई से ASM फ्रेमवर्क से हटा दिया जाएगा. दोनों एक्सचेंजों ने 24 मार्च को अडानी टोटल गैस और अडानी ट्रांसमिशन को लॉन्ग टर्म एडिशनल सर्विलांस मैसर्स के फ्रेमवर्क के दूसरे चरण से पहले चरण में ट्रांसफर कर दिया था.

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मार्केट से पैसे जुटाएगी अडानी ट्रांसमिशन

अडानी ट्रांसमिशन ने शनिवार को कहा कि उसके बोर्ड ने बाजार से 8,500 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है. बीएसई और एनएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध दो अलग-अलग सर्कुलर के मुताबिक स्टॉक्स को 15 मई को ASM फ्रेमवर्क से हटा दिया जाएगा. MSCI ने गुरुवार को कहा था कि अडानी समूह की दो कंपनियां, अडानी टोटल गैस और अडानी ट्रांसमिशन, 31 मई को MSCI इंडिया इंडेक्स छोड़ देंगी. MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स का उपयोग आमतौर पर वैश्विक निवेश संस्थानों द्वारा दुनियाभर में इक्विटी पोर्टफोलियो को मापने के लिए किया जाता है.

अडानी एंटरप्राइजेज का बड़ा ऐलान

अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि उसके बोर्ड ने मार्केट से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है. कंपनी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) या अन्य स्वीकार्य मोड के जरिए इक्विटी शेयर बेचकर फंड जुटाने की योजना बना रही है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के तीन महीने बीतने के बाद अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज मार्केट से फंड जुटाने की योजना लेकर आई है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को जोरदार झटका दिया था और समूह की कंपनियों के शेयर 50 फीसदी से अधिक टूट गए थे. 

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हिंडनबर्ग ने दिया था जोरदार झटका

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों को ओवर वैल्यूड बताया था और अकाउंट फ्रॉड के आरोप लगाए थे. हालांकि, अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. सेबी अभी इस मामले की जांच कर रहा है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज के FPO के लॉन्च होने से कुछ दिन पहले आई थी. इसके बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में तेज गिरावट शुरू हो गई थी. इसके बाद कंपनी ने अपने FPO को रद्द कर दिया था. 

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने इस साल जनवरी में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. 24 जनवरी को रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज से लेकर अडानी ग्रीन तक के शेयर बिखर गए थे.

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