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S&P India Outlook: 14 साल के बाद भारत को लेकर बदला नजरिया, चुनावी नतीजों से पहले US से आई गुड न्यूज!

S&P Revises India Outlook : कोरोना काल के बाद इंडियन इकोनॉमी ने जोरदार वापसी की है और इकोनॉमी की रफ्तार अभी भी बरकरार रखे हुए है. इसके चलते दुनियाभर की एजेंसियों ने इसे सराहा है और अब एसएंडपी ग्लोबल भी इसमें शामिल हो गई है.

दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है भारत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2024,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

देश में जारी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में अब आखिरी चरण की वोटिंग बाकी रह गई है, जो 1 जून को होगी. इसके बाद चार जून को चुनावी नतीजे (Election Results) सबसे सामने आ जाएंगे. देश में नई सरकार बनने से पहले ही इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज आई है. दरअसल, ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) ने भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार पर भरोसा जताते हुए इसकी आउटलुक रेटिंग को स्टेबल से पॉजिटिव में तब्दील कर दिया है.  

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एसएंडपी को इंडियन इकोनॉमी पर भरोसा
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई इकोनॉमी बना हुआ है और वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ समेत तमाम ग्लोबल एजेंसियों ने भारत पर भरोसा जताया है. अब इस लिस्ट में S&P Global Rating भी शामिल हो गई है और इसने लोकसभा चुनाव नतीजों से ठीक पहले भारत की आउटलुक रेटिंग में बदलाव करके गुड न्यूज दी है. रेटिंग एजेंसी ने India Outlook Rating को स्थिर से पॉजिटिव कर दिया है.  

साल 2010 में किया था पिछला बार बदलाव
कोरोना काल (Corona Pandemic) के बाद इंडियन इकोनॉमी ने जोरदार वापसी करते हुए सभी को चौंकाया है और अपनी रफ्तार को अभी तक बरकरार रखे हुए है. यह भी एक वजह है कि रेटिंग एजेंसी ने करीब 14 साल बाद भारत की आउटलुक रेटिंग में बदलाव किया है. इससे पहले आखिरी बार साल 2010 में इस रेटिंग को बदला गया था. तब S&P Global ने रेटिंग परिदृश्य को नेगेटिव से बढ़ाकर स्टेबल किया था. 

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रेटिंग को और बढ़ाए जाने की उम्मीद
अपनी हालिया रिपोर्ट में एसएंडपी ने कहा कि अगर भारत सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति को अपनाता है, जिससे सरकार के बढ़े हुए कर्ज और ब्याज का बोझ कम होता है, तो वह अगले दो साल में भारत की साख को बढ़ाने वाली साबित हो सकती है. अमेरिकी एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि भारत का राजकोषीय घाटा सार्थक रूप से कम होता है और जीडीपी के 7 फीसदी से नीचे आ जाता है, तो वह रेटिंग बढ़ा सकती है.

इस रफ्तार से आगे बढ़ेगी इकोनॉमी
पीटीआई के मुताबिक, S&P ग्लोबल ने कहा है कि पॉजिटिव परिदृश्य हमारे इस आउटलुक को प्रतिबिंबित करता है कि निरंतर नीतिगत स्थिरता, गहन आर्थिक सुधार तथा हाई इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट लॉन्गटर्म ग्रोथ की संभावनाओं को बनाए रखेंगे. गौरतलब है कि हाल ही में S&P ने FY25 के लिए इंडियन इकोनॉमी के ग्रोथ के अनुमान को 6.4 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी किया था. 

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