
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर विदेश से अच्छी खबर आई है. अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने भारत पर भरोसा जताते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2026 में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा और इसकी जीडीपी 6.5 फीसदी रह सकती है. हालांकि, वैश्विक निकाय ने कुछ ऐसे कदमों के बारे में भी जिक्र किया है, जिसके जरिए इस टारगेट को पाना आसान होगा.
तीसरी तिमाही में मिले अच्छे संकेत
बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते 28 फरवरी को वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के लिए GDP के आंकड़े जारी किए थे, जो उम्मीद आस-पास ही रहे हैं. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत की विकास दर (GDP Growth Rate) 6.2 फीसदी रही है. इससे पहले दूसरी तिमाही में रिवाइज्ड जीडीपी ग्रोथ रेट 5.6% रही थी. तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3% रहने का अनुमान जाहिर किया गया था, वहीं पूरे साल की विकास दर अनुमान के मुताबिक 6.5% पर रह सकता है.
IMF के मुताबिक जलवा रहेगा कायम
जहां सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए GDP Growth के आंकड़े राहत भरे आए हैं, तो वहीं IMF का अनुमान उत्साह पैदा करने वाला है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत 2025-26 में 6.5% की अनुमानित जीडीपी ग्रोथ के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए तैयार है. हालांकि, आईएमएफ ने भविष्य की गति के लिए कुछ सुधारों को महत्वपूर्ण बताया है. वैश्विक निकाय की ये रिपोर्ट भारत सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान लगाए जाने के बाद आई है.
भारत को यहां करने होंगे सुधार
IMF ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मजबूत निजी निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देना भारत को अपनी रफ्तार को बरकरार रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा. इसके साथ ही स्थिर नीतिगत ढांचे, व्यापार करने में आसानी और टैरिफ व नॉन-टैरिफ कटौती के माध्यम से व्यापार एकीकरण की आवश्यकता होगी. इन कदमों के चलते वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की आर्थिक ग्रोथ तेज रहेगी. अंतरराष्ट्रीय निकाय ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि लगातार व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के दम पर भारत को निजी खपत में मजबूत वृद्धि का समर्थन प्राप्त है.
2047 में विकसित राष्ट्र बनने की ओर भारत
GDP Growth में मामूली नरमी के बावजूद Indian Economy लचीली बनी हुई है, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 6% साल-दर-साल ग्रोथ दर्ज की गई है. इसके अलावा महंगाई दर (India's Inflation Rate)आरबीआई के निर्धारित दायरे 2-6% के भीतर आ चुका है. आईएमएफ का नया मूल्यांकन भारत की आर्थिक ताकत को रेखांकित करने वाला है और इसके साथ ही लॉन्गटर्म समृद्धि सुनिश्चित करने और 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर सुधार पर जोर देने वाला है.
देश में बढ़ी प्रति व्यक्ति GDP
एक ओर जहां आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर राहत भरा अनुमान जताया है, तो दूसरी ओर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि सरकार की बेहतर नीतियों और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) प्रणाली का फायदा उठाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 (वित्त वर्ष 25) में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी मौजूदा कीमतों पर 2.35 लाख रुपये तक पहुंचने का अनुमान है.
शनिवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में प्रति व्यक्ति जीडीपी में 40,000 रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही एसबीआई ने वित्त वर्ष 25 के लिए भारत जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को भी संशोधित कर 6.5 फीसदी कर दिया है, जो पहले 6.4 फीसदी था.