
बीते कुछ समय से दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल (Google) में छंटनी (Layoff) की चर्चाएं जोरों पर थीं. हजारों कर्चारियों को बाहर का रास्ता जो दिखाया गया था, लेकिन अब कंपनी ने ऐसा काम किया है कि फिर से सुर्खियों में आ गई है. इस बार मामला छंटनी का नहीं, बल्कि कुछ और है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, गूगल का एक कर्मचारी (Google Employee) नौकरी छोड़कर किसी दूसरी कंपनी में जा रहा था, लेकिन कंपनी उसे छोड़ना ही नहीं चाहती थी और कर्मचारी को रोकने के लिए गूगल ने उसकी सैलरी 10-20 फीसदी नहीं, बल्कि सीधे 300 फीसदी बढ़ा दी. आइए जानते हैं पूरा मामला...
सैलरी हाइक देकर जाने से रोका
Google की ओर से सिर्फ इसलिए 300 फीसदी की सैलरी हाइक की खबर चर्चा का विषय बनी हुई है. इस बात का खुलासा उस कंपनी के सीईओ ने किया, जिसमें वह कर्मचारी गूगल को छोड़कर ज्वाइन करने पर विचार कर रहा था. बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल का यह पसंदीदा कर्मचारी आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के इस पूर्व छात्र द्वारा शुरू की गए स्टार्टअप (Startup) Perplexity AI ज्वाइन करने वाला था. लेकिन जब कंपनी ने उसकी सैलरी में इतना बड़ा इजाफा कर दिया, तो फिर वो गूगल में ही रुक गया.
AI फर्म के CEO ने किया खुलासा
बिग टेक्नोलॉजी पॉडकास्ट में पर्प्लेक्सिटी एआई (Perplexity AI) के CEO अरविंद श्रीनिवास ने इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने इस मामले के बारे में बताते हुए कहा कि फिलहाल गूगल अपने कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. जो कर्मचारी हमारी कंपनी ज्वाइन करने वाला था, वो Google Search टीम का हिस्सा था और उसका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लेना-देना नहीं था. इसके बावजूद कंपनी ने उसे जाने से रोकने के लिए उसकी सैलरी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना जरूरी समझा. उन्होंने कहा कि 300 फीसदी का सैलरी हाइक आश्चर्यचकित करने वाला है.
'छंटनी और सैलरी हाइक के क्या मानक?'
सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने इस मामले का खुलासा करने के दौरान टेक कंपनियों में जारी छंटनी (Tech Firms Layoff) को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर लगातार अनिश्चितता बनी हुई है कि टेक कंपनियां यह तय करने के लिए किन मानदंडों का इस्तेमाल करती हैं कि किस कर्मचारी को जाने दिया जाए और किसे रोका जाए. आमतौर पर कंपनियां हाई पेड कर्मचारियों को ही ज्यादा टारगेट करती हैं, जिनका प्रोडक्शन में बाकी कर्मचारियों की तुलना में कम योगदान होता है.
धड़ाधड़ छंटनी के बीच उठाया ये कदम
Google का ये कारनामा इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि कंपनी में लगातार छंटनी का सिलसिला जारी है. इस साल 2024 की शुरुआत यानी जनवरी महीने में ही कंपनी ने कई सेक्शंस में छंटनी का ऐलान किया था. इस क्रम में Google के हार्डवेयर, सेंट्रल इंजीनियरिंग और Google Assistant पर काम करने वाली टीमों में करीब 1000 कर्मचारियों को निकाला भी जा चुका है. इससे पहले बीते साल 2023 में भी कंपनी ने 12,000 कर्मचारियों की बड़ी छंटनी की थी. सिर्फ गूगल ही नहीं, बल्कि कई अन्य टेक कंपनियों में भी बड़ी तादाद में कर्चारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है और कई ने छंटनी का हाल ही में ऐलान किया है.