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सरकार की ‘न्यूनतम मजदूरी’ तय करने में देरी की मंशा नहीं, एक्सपर्ट समूह की दूसरी बैठक इसी महीने

न्यूनतम मजदूरी और नेशनल फ्लोर वेजेस पर सिफारिशें देने के लिए केन्द्र सरकार ने एक एक्सपर्ट समूह बनाया है. इसका कार्यकाल 3 साल रखे जाने पर आलोचना झेल रही सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि उसकी मंशा न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी की नहीं है. और ये समूह अपनी रिपोर्ट जल्द ये जल्द सौंपेगा.

सरकार की न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी की मंशा नहीं (File Photo : Aajtak) सरकार की न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी की मंशा नहीं (File Photo : Aajtak)
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST
  • ‘एक्सपर्ट समूह के 3 साल के कार्यकाल पर बवाल’
  • ‘बाद में भी सुझाव लेने के लिए रखा कार्यकाल 3 साल’
  • ‘14 जून 2021 को हुई थी एक्सपर्ट समूह की पहली बैठक’

न्यूनतम मजदूरी और नेशनल फ्लोर वेजेस पर सिफारिशें देने के लिए केन्द्र सरकार ने एक एक्सपर्ट समूह बनाया है. इसका कार्यकाल 3 साल रखे जाने पर आलोचना झेल रही सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि उसकी मंशा न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी की नहीं है. और ये समूह अपनी रिपोर्ट जल्द ये जल्द सौंपेगा. 

एक्सपर्ट ग्रुप के चेयरमैन प्रोफेसर अजीत मिश्रा
केन्द्र सरकार ने जाने-माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर अजीत मिश्रा की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट ग्रुप का गठन किया है. इस समूह का कार्यकाल 3 वर्ष रखा गया है. ये समूह सरकार को न्यूनतम मजदूरी और नेशनल फ्लोर वेजेस तय करने के लिए तकनीकी सुझाव और अपनी सिफारिशें देगा. 

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3 साल के कार्यकाल पर बवाल
एक्सपर्ट समूह का कार्यकाल 3 साल रखे जाने को लेकर मीडिया के एक धड़े और कुछ स्टेकहोल्डर्स ने इसके पीछे सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त किया था. उनका कहना है कि सरकार न्यूनतम मजदूरी और नेशनल फ्लोर वेजेस तय करने में ‘देरी’ करना चाहती है, इसलिए एक्सपर्ट समूह को रिपोर्ट जमा करने के लिए इतना लंबा वक्त दिया है.

सरकार का आलोचनाओं को जवाब
सरकार ने स्पष्ट किया कि उसकी ऐसी कोई मंशा नहीं है और एक्सपर्ट समूह जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा.  एक्सपर्ट समूह का कार्यकाल तीन वर्ष इसलिए तय किया गया है ताकि न्यूनतम मजदूरी और नेशनल फ्लोर वेजेस तय करने के बाद भी सरकार इस विषय पर समूह से टेक्निकल सुझाव और परामर्श ले सके. 

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बीत दो साल में सरकार ने न्यूनतम मजदूरी और नेशनल फ्लोर प्राइस तय करने पर सिफारिशें देने के लिए ये दूसरा एक्सपर्ट ग्रुप बनाया है. इससे पहले वीवी गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट (वीवीजीएनएलआई) के फेलो अनूप सतपथी की अध्यक्षता में भी 2018 में एक ग्रुप बनाया गया था. सरकार ने इस समूह की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया था. 

इसी महीने दूसरी मीटिंग
प्रोफेसर अजीत मिश्रा की अध्यक्षता वाले एक्सपर्ट समूह की पहली बैठक इसी महीने 14 जून को हो चुकी है. समूह इन मुद्दों पर विचार करने के लिए 29 जून 2021 को अपनी दूसरी बैठक करेगा.

प्रोफेसर मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के निदेशक हैं. इस समूहमें आईआईएम कोलकाता की तारिका चक्रवर्ती, एनसीएईआर की सीनियर फेलो अनुश्री सिन्हा, संयुक्त सचिव विभा भल्ला, वीवीजीएनएलआई के महानिदेशक एच. श्रीनिवास शामिल हैं. वहीं वरिष्ठ श्रम एवं रोजगार परामर्शक डीपीएस नेगी को समूह का मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया है.

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