
दुनिया भर में बढ़ रही महंगाई (Inflation) ग्लोबल के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए भी सिर दर्द बन गई है. लगातार बढ़ती महंगाई के बीच तेजी से चावल के दाम (Rice Price) बढ़ रहे हैं. घरेलू और वैश्विक बाजारों में पिछले पांच दिनों में चावल की कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. दरअसल, पड़ोसी देश बांग्लादेश ने आवश्यक वस्तुओं के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी और टैरिफ को 62.5 फीसदी से कम करके 25 फीसदी कर दिया है. इसमें चावल भी शामिल है.
इस वजह से घरेलू मार्केट में चावल के दाम तेजी से बढ़े हैं. लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से एक बार फिर भारत से चावल के निर्यात पर रोक (Indian Rice Export Ban) लगाने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है.
कई देश होंगे प्रभावित
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार, मंत्रालय वास्तव में चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. आजतक की सहयोगी वेबसाइट बिजनेस टुडे को सूत्रों ने बताया है कि मंत्रालय भारत से चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. हालांकि, इस मामले पर अंतिम फैसला अभी तक नहीं लिया गया है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि चावल के निर्यात पर किसी भी प्रतिबंध से उन देशों पर बहुत दबाव पड़ सकता है, जो भारत से चावल के आयात पर अत्यधिक निर्भर हैं. इनमें नेपाल, फिलीपींस, कैमरून और चीन जैसे देश शामिल हैं.
गेहूं के निर्यात पर लग चुका है बैन
भारत फिलहाल उस दौर से गुजर रहा है, जब बढ़ती महंगाई पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है. महंगाई को काबू करने के लिए भारत सरकार ने साल 2008 में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस प्रतिबंध को सरकार ने 2010 में हटाया था. एक बार फिर से देश में महंगाई तेजी से बढ़ी है. इस कारण फिर से निर्यात पर रोक के कयास लग रहे हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुई जंग के बाद से सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. इस वजह से पूरी दुनिया में कमोडिटी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. महंगाई पर काबू पाने के लिए भारत ने मई में गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, सरकार के इस फैसले पर कुछ एक्सपर्ट्स ने सवाल भी उठाए हैं.
आटा का बढ़ जाएगा निर्यात
ICRIER में कृषि के प्रोफेसर अशोक गुलाटी ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को पूरी तरह से तर्कहीन बताया. बिजनेस टुडे से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की यह प्रतिक्रिया घुटने के बल चलने वाली है. आप गेहूं के निर्यात को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फिर आटा निर्यात बढ़ जाएगा तो आप क्या करेंगे? आप एक तरफ दबाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं. भारत की खुदरा महंगाई दर मई में 7.04 फीसदी और खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति 7.97 फीसदी थी.