
देश का स्टार्टअप सेक्टर (Startup Sector) महज 5 साल में ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Startup मार्केट बन गया है. 1 अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप्स के मामले में भारत से आगे केवल अमेरिका और चीन रह गए हैं. जिस तरह से भारत में स्टार्टअप सेक्टर को समर्थन मिल रहा है उससे उम्मीद है कि जल्दी ही ये ज्यादा बड़ी छलांग लगाएगा.
Indian Startups: दरअसल 2014 में देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रोजगार के नए मौके पैदा करने के लिए नए उद्योगों और स्टार्टअप्स पर जोर देते रहे हैं. पीएम मोदी ने 2015 में स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से स्टार्टअप इंडिया पहल का ऐलान किया था.
स्टार्टअप को लेकर सरकार का भरोसा बढ़ा
इसके बाद 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया (Startup India) पहल की लॉन्चिंग की गई थी. स्टार्टअप को लेकर सरकार का भरोसा बढ़ने की वजह जानने के लिए कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं. भारत में इस वक्त 50 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स यानी 1 अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप्स हैं और ये तीसरा बड़ा ग्लोबल स्टार्टअप बाजार है.
यही नहीं, कोरोना संकट के बीच भी पिछले साल यानी 2021 में भारत में 42 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न (Startup Unicorn) बने हैं. स्टार्टअप इंडिया की कोशिशों के चलते ही भारत ग्लोबल इनोवेशन रैंकिंग में 2015 की के 81वें नंबर से छलांग लगाकर अब 46वें स्थान पर आ गया है.
अभी तीसरे नंबर पर भारत
फिलहाल अमेरिका 122 यूनिकॉर्न के साथ पहले और चीन 92 यूनिकॉर्न के साथ दूसरे नंबर पर है. लेकिन इसके बावजूद भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत है. स्टार्टअप इंडिया के जरिए सरकार का मकसद देश का आर्थिक विकास करने के साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके मुहैया कराना है.
ओरियोस वेंचर पार्टनर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय स्टार्टअप्स ने साल 2021 में कुल 42 अरब डॉलर जुटाए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 11.5 अरब डॉलर से ज्यादा है. अगर मुख्य स्टार्टअप्स की बात करें तो ShareChat, Creed, Meesho, Nazara, Moglix, MPL, Grofers (अब Blinkit), upgrad, Mamaearth, GlobalBees, Acko और Spinny शामिल हैं.