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एक जिद और 10000 रुपये से शुरुआत, फिर नारायण मूर्ति ने खड़ी कर दी इंफोसिस!

N.R. Narayana Murthy ने वर्ष 1981 में अपने छह साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस (Infosys) कंपनी की स्थापना की थी. आज यह भारत की टॉप-10 कंपनियों में शामिल है और टीसीएस के बाद दूसरी सबसे बड़े टेक कंपनी है. इंफोसिस का मार्केट कैप (MCap) 6,70,920.64 करोड़ रुपये है और अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों कारोबार है.

नारायण मूर्ति ने ऐसे खड़ी की इंफोसिस नारायण मूर्ति ने ऐसे खड़ी की इंफोसिस
दीपक चतुर्वेदी
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

एन आर नारायण मूर्ति (N.R. Narayana Murthy) ये नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं, बल्कि देश- दुनिया के कारोबारी जगत के लिए एक मिसाल बन चुका है. आंखों में सपना, एक जिद और उधार के 10,000 रुपये के साथ शुरुआत करके आज नारायरण मूर्ति विश्व के बड़े उद्योगपतियों (Businessmans) में शामिल हैं. उनकी कंपनी इंफोसिस (Infosys) दुनियाभर में कारोबार कर रही है और लाखों लोगों को रोजगार दे रही है. आज इनका 76वां जन्मदिन है, तो आइए जानते हैं फर्श से अर्श पर पहुंचने वाले इंफोसिस को-फाउंडर के सफर के बारे में...

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मेहनत-काबिलियत ने दिलाया मुकाम
कहते हैं इंसान अगर सच्ची लगन से कुछ करने की ठान ले, तो फिर सब कुछ मुमकिन है. कुछ यही फलसफा रहा है देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर (Infosys Co-Founder) एन आर नारायण मूर्ति का. सादगी के साथ जीवन जीने वाले नारायण मूर्ति ऐसे इंसान हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और काबिलयत के दम पर अपनी किस्मत को बदला और आज सभी के लिए एक प्रेरणा हैं. लेकिन, इनकी अपनी इस सफलता के पीछे लंबा संघर्ष भी है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज दुनियाभर में लोगों को रोजगार (Jobs) दे रही उनकी कंपनी इंफोसिस की शुरुआत भी उधार के पैसे हुई थी. 

20 अगस्त 1946 में हुआ था जन्म
इंफोसिस के को-फाउंडर एन. आर. नारायणमूर्ति (N R Narayan Murthy) का जन्म 20 अगस्त, 1946 को कर्नाटक के सिद्लाघत्ता में हुआ था. मध्यमवर्गीय फैमिली में जन्मे नारायण मूर्ति 8 भाई-बहनों में 5वें नंबर पर थे. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1967 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. इसके बाद 1969 में आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से एमटेक किया. इसके बाद उन्होंने 1970 के अंत में पुणे के पाटनी कंप्यूटर्स में बतौर असिस्टेंट मैनेजर नौकरी की शुरुआत की. 

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कंपनी के लिए पत्नी से लिया उधार
एन आर नारायण मूर्ति की शादी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) के साथ 10 फरवरी 1978 को बेंगलुरु में हुई. शादी के बाद से ही नारायण मूर्ति की जिंदगी में बड़ा बदलाव आना शुरू हो गया. उन्होंने अपनी कंपनी शुरू करने की जिद पकड़ ली. सबसे पहले उन्होंने सॉफ्टरोनिक्स (Softronix) नाम से कंपनी शुरू की, लेकिन वो असफल साबित हुई. पर नारायण मूर्ति अपनी जिद पर अड़े रहे.

नारायण मूर्ति का जन्मदिन

ऐसे रखी थी Infosys की नींव
नारायण मूर्ति ने वर्ष 1981 में अपने छह साथियों के साथ कंपनी शुरू करने का प्लान बनाया. उस दौर में नारायण मूर्ति अपनी पत्नी सुधा के साथ एक कमरे के मकान में रहते थे. कंपनी का नाम इंफोसिस (Infosys) तय हुआ और इसकी स्थापना में नारायण मूर्ति ने अपना हिस्सा देने के लिए पत्नी से 10,000 रुपये उधार लिए थे. इस तरह पुणे के एक अपार्टमेंट से कंपनी की शुरुआत हुई. साल 1983 में कंपनी का मुख्यालय पुणे से बेंगलुरु ट्रांसफर कर दिया गया. नारायण मूर्ति कई कार्यक्रमों में पत्नी से उधार पैसे लेने की बात का गर्व के साथ जिक्र करते रहे हैं. 

6.70 लाख करोड़ रुपये की कंपनी
इंफोसिस (Infosys) का बिजनेस अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों में है. 1981 से लेकर 2002 तक नारायण मूर्ति कंपनी के सीईओ रहे और उनके नेतृत्व में यह दुनिया की बड़ी कंपनियों के बराबरी में पहुंच गई. 1991 में इंफोसिस पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदली और 1999 में इसके शेयर अमेरिकी स्टॉक मार्केट NASDAQ में लिस्ट हुए. फिलहाल, इंफोसिस मार्केट कैप (Infosys Market Cap) के हिसाब से देश की टॉप-10 कंपनियों में शामिल है. इसका मार्केट कैप (MCap) 6,70,920.64 करोड़ रुपये है. 

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इंफोसिस को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति के पास इतनी संपत्ति
फोर्ब्स (Forbes) की रियल टाइम लिस्ट के अनुसार, भारतीय उद्योगपति और इंफोसिस के को-फाउंडर (Infosys Co-Founder), एन आर नारायण मूर्ति की कुल नेट वर्थ (N R Narayan Murthy Net Worth) 3.8 अरब डॉलर है. आज इंफोसिस एक शीर्ष सॉफ्टवेयर कंपनी है, जो व्यापार परामर्श, सूचना प्रद्योगिकी और आउटसोर्सिंग सर्विसेज मुहैया कराती है. नारायण मूर्ति की एक बात जिसे उन्होंने कई बार कहा है, सफलता की कुंजी मानी जाती है. वे कहते हैं कि आपने किस संस्थान से शिक्षा प्राप्त की है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आप अपने कठिन परिश्रम से अपने पूरे जीवन को बदल सकते हैं.

दामाद हैं यूके के पीएम कैंडिडेट 
इंफोसिस को-फाउंडर की फैमिली की बात करें तो, पत्नी सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) के अलावा उनका एक बेटा रोहन मूर्ति (Rohan Murthy) और बेटी अक्षता मूर्ति (Akshata Murthy) है. अक्षता की शादी ब्रिटेन में पीएम पद के प्रबल कैंडिडेट और यूके के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) से हुई है. उनकी बेटी अक्षता संपत्ति के मामले में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी अमीर हैं. दामाद ऋषि सुनक भी नारायण मूर्ति के संघर्ष पर गर्व करते हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि मेरे ससुर के पास कुछ भी नहीं था. उनकी आंखों में सिर्फ एक सपना था और मेरी सास के दिए कुछ पैसे, जिनसे उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक खड़ी कर दी. इंग्लैंड में भी इस कंपनी के हजारों कर्मचारी हैं. सुनक ने कहा था कि यह एक ऐसी कहानी है, जिस पर मुझे वास्तव में गर्व है.

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ऋषि सुनक के ससुर हैं नारायण मूर्ति

देश से लेकर विदेश तक सम्मान 
नारायणमूर्ति (Narayan Murthy) को मिले पुरस्कारों (Awards) की एक लंबी लिस्ट है. कारोबार जगत में मिले अन्य अवॉर्ड्स के अलावा उन्हें भारत सरकार ने 2000 में 'पदमश्री' से सम्मानित किया, इसके बाद साल 2008 में भारत सरकार द्वारा उन्हें 'पद्म विभूषण' अवार्ड से नवाजा गया. यही नहीं साल 2008 में ही फ्रांस सरकार ने भी उन्हें 'ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया था.


 

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