
अडानी ग्रुप (Adani Group) हिंडनबर्ग के झटके से उबरने की कोशिश में जुटा है. अमेरिकी बुटीक इन्वेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Parteners) के निवेश के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ी है. समूह अपने निवेशकों के भरोसे को और मजबूत करने के लिए कई देशों में रोड शो करने जा रहा है. रोड से अडानी ग्रुप अपने निवेशकों को ये भरोसा दिलाना चाहता है कि उसकी कंपनियों की वित्तीय स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. फरवरी के महीने में समूह ने सिंगापुर में फिक्स्ड-इनकम-रोड शो किया था, जो सफल रहा था. इसके बाद कंपनी ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है.
दुबई में आज रोड शो
न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार, अडानी समूह इस महीने लंदन, दुबई और अमेरिका के कई शहरों में रोड शो आयोजित करने जा रहा है. रोड शो का आयोजन 7 मार्च से 15 मार्च के बीच होगा और इसमें अडानी ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगशिंदर सिंह समेत समूह का मैनजमेंट शामिल होगा. डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, रोड शो की शुरुआत 7 मार्च से दुबई से होने जा रही है. फिर लंदन में 8 मार्च और और 9 से 15 मार्च के बीच अमेरिका के कई शहरों में रोड शो का आयोजन होगा.
सिंगापुर और हांगकांग का रोड शो रहा था सफल
जुगशिंदर सिंह सहित अडानी समूह के प्रबंधन ने निवेशकों को आश्वस्त करने के लिए पिछले महीने सिंगापुर और हांगकांग में रोड शो किया था. कार्यकारी अधिकारियों ने निवेशकों से कहा कि वे आगामी लोन मैच्योरिटी को एड्रेस करेंगे, जिसमें संभावित रूप से निजी प्लेसमेंट नोट्स की पेशकश और ऑपरेशन से नकदी का इस्तेमाल करना शामिल है. अडानी समूह का ग्रॉस कर्ज 2019 में 1.11 लाख करोड़ रुपये था. लेकिन 2023 में ये बढ़कर 2.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. कैश जोड़ने के बाद 2023 में नेट कर्ज 1.89 लाख करोड़ रुपये था.
रोड शो में क्या होता?
रोड शो के दौरान कंपनियां निवेशकों आकर्षित करने की कोशिश करती हैं. वो निवेशकों को बताती हैं कि कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर है और आप इसमें निवेश कर सकते हैं. वो अपने प्लान और प्रोजेक्ट्स के बारे में बताती हैं. इससे आकर्षित होकर निवेशक कंपनियों में निवेश करते हैं. अडानी ग्रुप रोड शो से हिंडनबर्ग के आरोपों को मजबूती से खारिज करने की कोशिश में जुटा है, ताकी निवेशकों का भरोसा कंपनियों पर बना रहे.
हिंडनबर्ग ने लगाए थे आरोप
हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को पब्लिश अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेल फर्मों के माध्यम से स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाए थे. रिपोर्ट ने अडानी के शेयरों में भारी उथल-पुथल मचा दी. इस वजह से ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) में लगभग 60-70 फीसदी की गिरावट आई थी. हालांकि, अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को खारिज कर दिया था.