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हिंडनबर्ग, जिसने हिलाया गौतम अडानी का साम्राज्य, कौन है इसका मालिक, कब बनी कंपनी और कैसे करती है काम?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी को बड़ा झटका लगा है. नेटवर्थ में आई गिरावट के चलते अब वे अरबपतियों की लिस्ट में खिसककर 21वें पायदान पर पहुंच गए हैं. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर हिंडनबर्ग कंपनी क्या और कैसे काम करती है, ये अस्तित्व में कब आई, इसका मालिक कौन है? आइए ऐसे सभी सवालों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन और गौतम अडानी हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन और गौतम अडानी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी के साम्राज्य को बड़ा झटका लगा है. उनकी नेटवर्थ में लगातार गिरावट आ रही है. Bloomberg Billionaires Index के मुताबिक, गौतम अडानी की नेटवर्थ में आई गिरावट के चलते अब वे अरबपतियों की लिस्ट में खिसककर 21वें पायदान पर पहुंच गए हैं. उनकी कुल संपत्ति घटकर 61.3 अरब डॉलर रह गई है और बीते 24 घंटे में उन्हें 10.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

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नाथन एंडरसन है हिंडनबर्ग का मालिक

नाथन एंडरसन नाम के एक शख्स ने अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद वो नौकरी की तलाश में जुट जाता है. उसकी ये तलाश एक डेटा रिसर्च कंपनी की दहलीज पर आकर रुकती है. यहां उसे नौकरी मिल जाती है. इस कंपनी में उसका काम पैसों के इनवेस्टमेंट से जुड़ा होता है. 

साल 2017 में की कंपनी की शुरुआत

नौकरी करते हुए एंडरसन डेटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को समझता है. उसे इस बात का अंदाजा हो जाता है कि शेयर मार्केट दुनिया के पूंजीपतियों का सबसे बड़ा अड्डा है. इसमें (शेयर मार्केट) काफी कुछ ऐसा हो रहा है जो आम लोगों की समझ से बाहर है. इसी वजह से एंडरसन के दिमाग में फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी शुरू करने का आइडिया आता है. साल 2017 में एंडरसन हिंडनबर्ग नाम से एक कंपनी की शुरुआत करता है.

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इन मामलों पर रिसर्च करती है हिंडनबर्ग

इस कंपनी का मुख्य काम शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट, और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना है. इस रिसर्च के जरिए कंपनी ये पता करती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा-फेरी हो रही है?. कहीं बड़ी कंपनियां अपने फायदे के लिए अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो नहीं कर रही हैं?. कोई कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है? 

कई बार इसकी रिपोर्ट का दिखा है असर

इस तरह रिसर्च के बाद ‘हिंडनबर्ग’ कंपनी एक रिपोर्ट पब्लिश करती है. कई मौकों पर इस कंपनी की रिपोर्ट का दुनियाभर के शेयर मार्केट पर असर देखने को मिला है. इसी हिंडनबर्ग ने हाल ही में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की.

हेरफेर और धोखाधड़ी का लगाया था आरोप

इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ये मामला

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उधर, ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट में याचिका दाखिल कर विवादास्पद कंपनी हिंडनबर्ग के मालिक और संस्थापक एंडरसन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है.

निवेशकों को मुआवजा दिलाने की मांग

याचिका में एंडरसन को शार्ट सेलर बताते हुए उसके खिलाफ निर्दोष निवेशकों का शोषण और धोखाधड़ी करने के आरोप की जांच की मांग की गई है. याचिका ने एंडरसन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए निवेशकों को मुआवजा दिलाने की मांग की गई है.

संसद में अडानी पर हंगामा

उधर, बीते दो दिनों से अडानी के नाम पर संसद ठप हैं, बजट पेश हो चुका है लेकिन बजट पर चर्चा नहीं हुई हैं. विपक्ष इसी बात पर अड़ा है कि जब तक जेपीसी का गठन नहीं होता तब तक संसद नहीं चलेगी. मतलब ये हंगामा अभी थमने वाला नहीं है.

अडानी ग्रुप को इन बैंकों ने दिया कर्ज

अडानी ग्रुप की कंपनियों को एसबीआई समेत देश के कई बैंकों ने 81,200 करोड़ रुपये लोन दिया है. एसबीआई ने आरबीआई को बताया है कि उसने अडानी ग्रुप को 23000 करोड़ रुपये लोन दिया है. पंजाब नेशनल बैंक ने बताया है कि उसने 7000 करोड़ का लोन दिया है. एसबीआई के चेयरमैन की ओर से कहा गया है कि अडानी ग्रुप को दिए गए लोन को लेकर लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. RBI ने देश के सभी बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा है. हालांकि, बैंकों ने कहा है कि अडानी ग्रुप में उनका निवेश सुरक्षित है.

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(आज तक ब्यूरो)

 

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