
अमेरिका के राष्ट्रपति (US President) पद पर बैठते ही डोनाल्ड ट्रंप तमाम देशों पर टैरिफ (Donald Trump Tariff) लगाने लगे और दुनिया में ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी. चीन, मैक्सिको, कनाडा ही नहीं भारत पर भी उन्होंने टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. लेकिन, दूसरी ओर ट्रंप टैरिफ के जबाव में चीन समेत अन्य देशों ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका पर टैरिफ का ऐलान किया है.
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का अमेरिका में भी जमकर विरोध हो रहा है और राजनीतिक गलियारों से लेकर दिग्गज हस्तियां इसकी आलोचना कर रही हैं. अमेरिकी निवेशक और दुनिया के टॉप अरबपतियों में शुमार वॉरेन बफे ने ट्रंप टैरिफ (Warren Buffett On Trump Tariff) पर बोलते हुए इसे एक तरह का युद्ध करार दिया है. इसके अलावा अमेरिका को और भी कई झटके लगे हैं. आइए पांच पॉइंट में जानते हैं कैसे?
पहला पॉइंट: Dollar में गिरावट
बीते कुछ समय से अमेरिकी डॉलर में लगातार तेजी का सिलसिला जारी था, लेकिन ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच अब US Dollar में भी गिरावट देखने को मिलने लगी है. बीते कारोबारी दिन 5 मार्च को दुनिया की छह बड़ी करेंसियों के मुकाबले डॉलर वैल्यू मापने वाला Dollar Index गिरकर 105.7 पर आ गया. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इकोनॉमी की सुस्त रफ्तार और ट्रंप टैरिफ के जबाव में तमाम देशों द्वारा पलटवार करते हुए किए गए Tariff के ऐलान का असर डॉलर पर दिखा है. बीते एक सप्ताह में ही अमेरिकी डॉलर में करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
दूसरा पॉइंट: अमेरिकी बाजारों में भूचाल
एक ओर China, Mexico, Canada समेत भारत और अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान करते हुए डोनाल्ड ट्रंप इसे घरेलू प्रोडक्शन में इजाफा करने वाला और रोजगार को बढ़ावा देने वाला फैसला बता रहे हैं, तो अमेरिकी शेयर बाजार में इसका रिएक्शन देखने को मिल रहा है और बीते कुछ दिनों से इनमें गिरावट का सिलसिला जारी है. रिपोर्ट्स की मानें, तो Tariff War से अमेरिकी ग्रोथ पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर देश के बाजारों की चिंता बढ़ी है और ये टैरिफ के कारण महंगाई बढ़ने के खतरे से जुड़ी हुई है. बीते कारोबारी दिन Dow Jones 670 अंक गिरकर, S&P 71.57 अंक फिसलकर, जबकि Nasdaq 65 अंक की गिरावट के साथ क्लोज हुआ था.
तीसरा पॉइंट- क्रूड ऑयल में गिरावट
Crude Oil की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड का भाव (Brent Crude Price) गिरकर 70.85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है, तो वहीं WTI Crude 67.74 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. हालांकि, क्रूड ऑयल प्राइस में इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं और इनमें अमेरिकी टैरिफ भी एक है. रिपोर्ट्स के मुताबिक Opec+ ने अप्रैल 2025 में अपना प्रोडक्शन बढ़ाने का प्लान कर रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद कुछ दिन पहले ओपेक+ से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा था. इस बीच कनाडा, मैक्सिको और चीन पर US Tariff के जबाव में अमेरिका पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है. दरअसल, ट्रेड वॉर से व्यापार प्रभावित होने की आशंकाओं और बाजारों में अनिश्चिचतता का असर क्रूड की कीमतों पर भी दिख रहा है.
चौथा पॉइंट: चीन, मैक्सिको, कनाडा का पलटवार
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ पॉलिसी के तहत सबसे पहले चीन, मैक्सिको और कनाडा को निशाने पर लिया और उनपर टैरिफ की झड़ी लगा दी. अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से होने वाले अमेरिकी आयात पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया, जो 4 मार्च को लागू हुआ, तो वहीं चीन की वस्तुओं पर भी 20 फीसदी का टैरिफ लागू किया है. इसके जबाव में जहां कनाडा ने अमेरिकी सामानों पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया, तो मैक्सिको ने भी रविवार को इस पर निर्णय लेने का ऐलान किया. चीन ने भी तुरंत जबाव देते हुए अमेरिकी इम्पोर्ट पर 10 से 15 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 10 मार्च से लागू होगा. यही नहीं चीन ने 25 अमेरिकी कंपनियों को भी Export-Import Ban लगाया है.
पांचवां पॉइंट: अमेरिका में हड़कंप, भारत में हरियाली
बुधवार को US Congress को संबोधित करते हुए ट्रंप ने भारत को भी निशाने पर लिया और कहा कि भारत हम 100 फीसदी टैरिफ लगाता है. ये कतई ठीक नहीं है. उन्होंने टैरिफ वॉर की औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि अब जो भी देश अमेरिका पर टैरिफ लगाएगा. इसके साथ ही 2 अप्रैल से टैरिफ लागू किए जाने की बात कही. लेकिन ट्रंप के ऐलान का असर भारतीय बाजार पर पड़ता नहीं दिखा और Sensex-Nifty जोरदार तेजी के साथ ओपन होकर ग्रीन जोन में कारोबार करते दिखे. दरअसल, टैरिफ वॉर के बीच कई ऐसे ग्लोबल इंडिकेट्स मिले हैं जिनके जरिए निवेशकों के सेंटिमेंट पर असर पड़ा है और बाजार में डर के बजाय हरियाली दिख रही है. इनमें क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट से अलावा डॉलर की वैल्यू कम होना शामिल है.