
ICICI बैंक-वीडियोकॉन केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की गई है. जानकारी के मुताबिक ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यह चार्जशीट दाखिल की है.
आपको बता दें कि सीबीआई के कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दायर किया था. इसके बाद ईडी ने सितंबर में दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. इस दौरान दीपक कोचर कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए थे और उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रखा गया.
क्या लगा है आरोप
ईडी ने कोचर दंपत्ति और उनकी कारोबार इकाइयों पर वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 1,875 करोड़ रुपये का लोन गैरकानूनी तरीके से आवंटित करने और उसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप दायर किए हैं. ईडी के मुताबिक चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का लोन आवंटित किया था.
इसे देखें: आजतक LIVE TV
इस लोन के प्राप्त होने के अगले ही दिन आठ सितंबर 2009 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 64 करोड़ रुपये की राशि उनके पति की कंपनी न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को ट्रांसफर किया था. एनआरपीएल को पहले न्यूपॉवर रिन्यूएबल लिमिटेड (एनआरएल) के नाम से जाना जाता था.