
अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लौटने के संकेत के बीच रेटिंग एजेंसी का भी मूड बदलने लगा है. रेटिंग एजेंसी ICRA ने वित्त वर्ष 2022 के भारत के GDP ग्रोथ अनुमान को बढ़ा दिया है. रेटिंग एजेंसी ने ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया है.
दरअसल, खासकर कोरोना के मामलों में काबू और वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी की वजह से रेटिंग एजेंसी ने ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाया है. इसके अलावा खरीफ फसल के अच्छे रहने के अनुमान और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च की वजह से ICRA ने अपने अनुमान में बदलाव किया है.
इससे पहले ICRA ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के जीडीपी के 8.5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था. ICRA की मानें तो चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थितियां ज्यादा बेहतर होती नजर आएंगी. हालांकि कोरोना की तीसरी लहर आने पर स्थिति बदल सकती है.
सोमवार को ICRA चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि COVID-19 के बढ़ते कवरेज से बाजर के सेंटीमेंट को और बूस्ट मिलने की संभावना है. जिससे कॉन्ट्रैक्ट इनटेन्सिव सर्विस में भी तेजी आएगी. फिर इससे इकोनॉमी के उस हिस्से को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो कोरोना की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित था.
ICRA के मुताबिक अगर औसतन प्रति दिन 79 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जाती है, तो 2021 के अंत तक तीन चौथाई भारतीय को कोरोना की दूसरी डोज लग जाएगी. क्योंकि 1 सितंबर से 26 सितंबर के बीच देश में रोजाना औसतन 79 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई. इन अनुमानों के आधार पर ही ICRA ने अपने ग्रोथ अनुमान में बढ़ोतरी की है. वहीं RBI का अनुमान है कि इस साल इकोनॉमी में 9.5 फीसदी की दर से ग्रोथ देखने को मिलेगी.