
केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ा सकती है. बिजनेस टूडे में एक सोर्स के हवाले से छपी खबर के अनुसार, सरकार EOI दाखिल करने की समय सीमा को 16 दिसंबर से बढ़ाकर मिड जनवरी कर सकती है. सरकार और LIC मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश में जुटी है. पिछले हफ्ते सरकार ने कहा था कि विदेशी फंड और निवेश फर्मों के एक कंसोर्टियम को आईडीबीआई बैंक के 51 फीसदी से अधिक की ओनरशिप की हासिल करने की अनुमति देगी.
अगले साल हो सकती है बिडिंग
सूत्रों ने कहा कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) 2023 की शुरुआत में आईडीबीआई बैंक के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकता है. लेन-देन सलाहकारों को समय सीमा बढ़ाने के लिए कुछ अनुरोध प्राप्त हुए हैं. एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चूंकि साल के अंत में छुट्टियां होने के कारण विदेशी निवेश बैंकर काम नहीं कर रहे हैं. इसलिए समय सीमा बढ़ाई जाएगी.
किसके पास कितनी हिस्सेदारी?
सरकार ने 7 अक्टूबर को आईडीबीआई बैंक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों के पास आईडीबीआई बैंक में 94.71 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, तो वहीं एलआईसी का हिस्सा 49.24 फीसदी है.
इससे पहले DIPAM ने कहा था कि संभावित खरीदारों की न्यूनतम नेटवर्थ 22,500 करोड़ रुपये होनी चाहिए. इसके अलावा एक कंसोर्टियम में अधिकतम चार सदस्यों की अनुमति होगी. साथ ही सफल बिडर्स को अधिग्रहण की तारीख से पांच साल के लिए इक्विटी पूंजी का कम से कम 40 फीसदी अनिवार्य रूप से लॉक करना होगा.
दूसरी तिमाही में बैंक का प्रदर्शन
बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया था सितंबर तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 6,065.51 करोड़ रुपये हो गई. ये पिछले साल इसी अवधि के दौरान 5,129.92 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में बैंक के नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) स्टेटस में सुधार हुआ. बैंक का ग्रॉस एनपीए घटकर 16.51 फीसदी पर आ गया है. ये पिछले साल इस अवधि में बैंक के ग्रॉस लोन के मुकाबले 21.85 फीसदी पर था.
बजट में हुआ था ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. लेकिन कोरोना संकट की वजह से मामला अटक गया था. सरकार ने चालू फाइनेंशियल ईयर के लिए 65 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का टारगेट सेट किया है.