Advertisement

जिस बैंक को बेचने जा रही सरकार, उसने कमाया जबरदस्त मुनाफा, NPA में भी सुधार

IDBI Bank: सितंबर की तिमाही में सरकारी बैंक आईडीबीआई बैंक के मुनाफे में उछाल देखने को मिली है. इसके साथ बैंक के एनपीए में भी सुधार हुआ है. केंद्र सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक को बेचने की तैयारी में है. सरकार ने हाल ही में बड़ा ऐलान किया था.

IDBI बैंक का मुनाफा बढ़ा. IDBI बैंक का मुनाफा बढ़ा.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

सितंबर की तिमाही में आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के मुनाफे में उछाल दर्ज की गई है. जुलाई से सितंबर की तिमाही में इस सरकारी बैंक ने 46 फीसदी का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. ये 828.09 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में बैंक का मुनाफा 567.12 करोड़ रुपये रहा था.

बैंक ने अपनी बीएसई फाइलिंग में कहा कि नेट ब्याज इनकम, अर्जित ब्याज और खर्च किए गए ब्याज के बीच अंतर 47.7 प्रतिशत बढ़कर 2,738 करोड़ रुपये हो गया. सालाना आधार पर बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 135 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 4.37 फीसदी हो गया है.

Advertisement

एनपीए में सुधार

बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि सितंबर तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 6,065.51 करोड़ रुपये हो गई. ये पिछले साल इसी अवधि के दौरान 5,129.92 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में बैंक के नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) स्टेटस में सुधार हुआ है. बैंक का ग्रॉस एनपीए घटकर 16.51 फीसदी पर आ गया है. ये पिछले साल इस अवधि में बैंक के ग्रॉस लोन के मुकाबले 21.85 फीसदी पर था. वहीं बैंक का शुद्ध एनपीए भी 1.71 फीसदी से घटकर 1.15 फीसदी रह गया है. 

कितनी है सरकार की हिस्सेदारी?

सरकार ने आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई (Expression of Interest) ने मंगाया है. इसे जमा करने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर है और सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे. इस बैंक को खरीदने में श्रीराम ग्रुप (Shriram Group) ने दिलचस्पी दिखाई है. 30 जून 2022 तक के डाटा के अनुसार, फिलहाल आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में केंद्र सरकार और एलआईसी (LIC) की कुल हिस्सेदारी 94.72 फीसदी है. इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, तो वहीं एलआईसी का हिस्सा 49.24 फीसदी है.   

Advertisement

कोरोना की वजह से अटका मामला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. लेकिन कोरोना संकट की वजह से मामला अटक गया था. सरकार ने चालू फाइनेंशियल ईयर के लिए 65 हजार करोड़ रुपये के विनिवेश का टारगेट सेट किया है. सरकार विनिवेश के मोर्चे पर पिछड़ने के बाद इसकी भरपाई के लिए कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement