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IMF से मदद... चीनी अरबपति जैक मा का दौरा... क्या सुधरने वाले हैं पाकिस्तान के हालात?

Pakistan में पहुंचे जैक मा के साथ 7 लोगों का प्रतिनिधिमंडल था. इनमें पांच चीनी कारोबारी (Chinese Businessman) थे, जबकि एक डेनिश और एक अमेरिकी बिजनेसमैन शामिल था. Jack Ma पाकिस्तान में 23 घंटे रुके थे.

29 जून को पाकिस्तान पहुंचे थे चीनी अरबपति जैक मा 29 जून को पाकिस्तान पहुंचे थे चीनी अरबपति जैक मा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) को आखिरकार राहत मिल गई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने उसकी गुहार सुनते हुए बीते दिनों 3 अरब डॉलर की मदद को मंजूरी दे दी है. खास बात ये है कि आईएमएफ की ओर से इस आर्थिक मदद को हरी झंडी तब दिखाई गई, जबकि एक दिन पहले ही चीनी अरबपति और अलीबाबा ग्रुप के को-फाउंडर जैक मा (Jack Ma) अचानक पाकिस्तान पहुंचे थे, उनके साथ 7 अन्य बिजनेसमैन के साथ लाहौर पहुंचे थे. 

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23 घंटे का लाहौर विजिट 
अलीबाबा ग्रुप के को-फाउंडर जैक मा (Jack Ma) के अचानक से पाकिस्तान दौरे पर पहुंचना चौंकाने वाला है, हालांकि, उनकी इस यात्रा से जुड़ी सभी जानकारियों को गोपनीय रखा गया है. एक रिपोर्ट में बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट BOI के पूर्व चेयरमैन मुहम्मद अजफर अहसन के हवाले से जैक मा की यात्रा की पुष्टि की गई है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अरबपति की इस यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि इस विजिट का मकसद गोपनीय है, लेकिन आने वाले दिनों में इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे. अजफर अहसन के मुताबिक, जैक मा 29 जून को लाहौर पहुंचे थे और एक निजी स्थान पर करीह 23 घंटे रुकने के बाद 30 जून को वापस लौट गए.  

जैक मा के साथ कौन-कौन?
पाकिस्तान में पहुंचे जैक मा के साथ 7 बिजनेसमैन का प्रतिनिधिमंडल था. इनमें पांच चीनी कारोबारी (Chinese Businessman) थे, जबकि एक डेनिश और एक अमेरिकी बिजनेसमैन शामिल था. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अरबपति इससे पहले नेपाल (Nepal) में पहुंचे थे और वहां से उन्होंने पाकिस्तान का रुख किया था. उनकी इस यात्रा के बाद अलीबाबा ग्रुप द्वारा पाकिस्तान में कारोबार के अवसर तलाशने की अफवाहें भी जोर पकड़ रही हैं. हालांकि, इस संबंध में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है. एक और खास बात ये रही कि जैक मा की इस यात्रा के बारे में चीनी दूतावास भी अनजान था. 

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IMF से फंडिंग, चीन की तारीफ
बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान बीते करीब 9 महीनों से लगातार आईएमएफ के सामने 1.1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज रिलीज करने की गुहार लगा रहा था. हालांकि, अब उनकी ये गुहार काम आई है और उसे उम्मीद से बेहतर फंडिंग मिली है. साल 2019 में IMF और पाकिस्तान के बीच 6.5 अरब डॉलर के  बेलआउट पैकेज को लेकर करार हुआ था. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से 3 अरब की फंडिंग से पाकिस्तान के हालात में क्या सुधार होगा ये तो देखने वाली बात होगी. लेकिन वैश्विक निकाय से मिली इस मदद के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन की जमकर तारीफ की और इस मदद के मिलने में उसे मददगार बताया है. 

IMF का चौथा बड़ा कर्जदार पाकिस्तान
पाकिस्तान को आईएमएफ से मदद मिलने के बाद उसे राहत जरूर मिली है, लेकिन इस 3 अरब डॉलर के लोन के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कर्जदारों की लिस्ट में अब Pakistan चौथे नंबर पर आ गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक पाक पर आईएमएफ का 7.4 अरब डॉलर कर्ज था, जो नए लोन के बाद बढ़कर 10.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.

आईएमएफ से मदद पाने वाले सबसे बड़े कर्जादारों की लिस्ट में पहले नंबर पर अर्जेंटीना (Argentina) सबसे ऊपर है और उस पर करीब 46 अरब डॉलर का कर्ज है. दूसरे नंबर पर 18 अरब डॉलर के साथ इजिप्ट (Egypt) का नाम आता है, वहीं तीसरे नंबर पर 12.2 अरब डॉलर के साथ यूक्रेन (Ukraine) का नाम आता है. बता दें पाकिस्तान से पहले इक्वाडोर (Ecuador) 8.2 अरब डॉलर के साथ चौथे स्थान पर था. 

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पाकिस्तान में कैसे हैं हालात? 
पाकिस्तान लंबे समय से महंगाई की मार से जूझ रहा था, पिछले दो महीने से देश की मुद्रास्फीति दर (Pakistan Inflation Rate) एशिया में सबसे ज्यादा था. हालांकि, जून 2023 में इसमें कमी आई है और देश में महंगाई 29.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. इससे पहले मई 2023 में ये 38 फीसदी के उच्च स्तर तक पहुंच गई थी. वहीं कर्ज की बात करें तोपाकिस्तान अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज ले चुका है.

देश के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक है. यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है. वहीं इस कर्ज में करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है, जिसमें चीन के सरकारी वाणिज्यिक बैंकों का कर्ज भी शामिल है. पाकिस्तान पर चीन का लगभग 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है, जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था.


 

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