
भारत (India) पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है और कोरोना के बाद जिस तेजी से इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) ने रफ्तार पकड़ी है, ग्लोबल एजेंसियों भी इसे लेकर सकारात्मक बनी हुई हैं. अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की ओर से फिर देश के लिए गुड न्यूज आई है, वैश्विक एजेंसी ने भारत के लिए अपने ग्रोथ अनुमान को बढ़ा दिया है. आईएमएफ के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी. वहीं दूसरी ओर चीन को एक बार फिर झटका लगा है और इसकी ग्रोथ (China Growth) 5 फीसदी से भी कम रहने का अनुमान जाहिर किया गया है.
6.3% की दर से आगे बढ़ेगी इंडियन इकोनॉमी
आईएमएफ (IMF) ने दुनिया के तमाम देशों की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान (GDP Growth Forecast) जारी कर दिया है. मंगलवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के ग्रोथ अनुमान में 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए इसे पहले के 6.1 फीसदी से बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है. अप्रैल-जून तिमाही में मजबूत खपत के बाद आईएमएफ ने अपने अनुमान को संशोधित किया है. IMF ने आंकड़े जारी करते हुए भारत के सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने की उम्मीद जताई है.
संकट में China की अर्थव्यवस्था
चीन में जारी आर्थिक संकट और उथल-पुथल के बीच आईएमएफ ने ग्रोथ अनुमान के आंकड़े जारी कर ड्रैगन की चिंता और भी बढ़ा दी है. एक ओर जहां भारत पर भरोसा कायम रखते हुए IMF ने इसे सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के तौर पर पेश किया है, तो वहीं चीन के लिए अपने ग्रोथ अनुमान को 4.2 फीसदी कर दिया है. डाटा के आधार पर देखें तो भारतीय अर्थव्यवस्था चीनी इकोनॉमी की तुलना में 2.1 फीसदी ज्यादा रफ्तार से आगे बढ़ेगी. चीन की अर्थव्यवस्था में लगातार सुस्ती के संकेतों के चलते आईएमएफ ही नहीं वर्ल्ड बैंक समेत अन्य बड़ी एजेंसियों ने इसके ग्रोथ अनुमान में कटौती की है.
IMF द्वारा जारी टॉप-10 देशों का ग्रोथ अनुमान
देश | ग्रोथ अनुमान |
भारत | 6.3 फीसदी |
चीन | 4.2 फीसदी |
स्पेन | 1.7 फीसदी |
कनाडा | 1.6 फीसदी |
अमेरिका | 1.5 फीसदी |
फ्रांस | 1.3 फीसदी |
रूस | 1.1 फीसदी |
जापान | 1 फीसदी |
जर्मनी | 0.9 फीसदी |
इटली | 0.7 फीसदी |
इजरायल-हमास युद्ध का असर शामिल नहीं
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जो इकोनॉमिक ग्रोथ आउटलुक जारी किया है. उसमें इजरायल और हमास में जारी भीषण युद्ध (Israel-Hamas War) से पैदा हुए हालातों और इसके अर्थव्यवस्थाओं पर इसके असर की संभावनाओं को शामिल नहीं किया गया है. IMF से पहले विश्व बैंक (World Bank) ने भी वित्त वर्ष 24 के लिए भारत का ग्रोथ अनुमान 6.3 फीसदी जाहिर किया है, जबकि चीन की स्थिति पर चिंता जाहिर की है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भी इंडियन इकोनॉमी चीनी अर्थव्यवस्था से ज्यादा तेज बनी रहेगी.
भले ही ताजा आंकड़ों में इजरायल और हमास युद्ध के असर को नहीं जोड़ा गया है, लेकिन आने वाले दिनों में ग्लोबल इकोनॉमी पर इस जंग का असर देखने को मिल सकता है. दरअसल, इसके पीछे कारण ये है कि इजरायल और फिलिस्तीन के कई देशों के साथ व्यापारिक संबंध में और जैसे हालात हैं, उसे देखकर इसका असर कारोबार पर पड़ना तय माना जा रहा है.